Premanand Maharaj health: भगवान श्रीकृष्ण की नगरी वृंदावन में प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा को लेकर भक्तों में असमंजस का माहौल है। लगातार दूसरी रात यानी मंगलवार को भी प्रेमानंद महाराज की रात्रिकालीन पदयात्रा नहीं निकली। उनकी तबीयत खराब बताई जा रही है, जिस कारण भक्तों को उनके दर्शन नहीं हो सके। हजारों की संख्या में भक्त रोजाना रात को उस मार्ग पर एकत्र होते हैं, जहां से महाराज जी गुजरते हैं। लेकिन सोमवार और मंगलवार को उनके दर्शन नहीं हो पाए। इससे भक्तों में गहरी मायूसी छा गई है। फिलहाल बुधवार की पदयात्रा को लेकर कोई आधिकारिक सूचना नहीं आई है।
लगातार दूसरी रात नहीं निकली पदयात्रा
हर दिन की तरह मंगलवार रात को भी Premanand Maharaj के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु वृंदावन की गलियों में एकत्र हुए। भक्त उसी मार्ग पर खड़े थे, जिससे होकर प्रेमानंद महाराज अपनी पदयात्रा पर निकलते हैं। लेकिन जैसे ही रात ढलने लगी और दो बज गए, भक्तों को एहसास हुआ कि आज भी उनके गुरु महाराज नहीं आएंगे।
यह लगातार दूसरा दिन था जब भक्तों को प्रेमानंद महाराज के दर्शन नहीं हो सके। सोमवार को भी इसी प्रकार की स्थिति रही थी, जब देर रात तक इंतजार करने के बाद परिक्रमा टीम के एक सदस्य ने घोषणा कर दी थी कि महाराज जी की तबीयत ठीक नहीं है, इसलिए आज पदयात्रा नहीं होगी।
भक्तों की दिनचर्या पर असर
Premanand Maharaj के अनन्य भक्तों के लिए यह पदयात्रा केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि उनके जीवन की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। भक्तों का कहना है कि वे हर दिन महाराज जी के दर्शन कर ही अपने कार्य प्रारंभ करते हैं। जब दर्शन नहीं होते तो पूरा दिन असंतुलित महसूस होता है।
एक महिला भक्त ने कहा, “हम तो उनकी पदयात्रा से ऊर्जा पाते हैं। उनकी झलक भर से दिन की शुरुआत होती है। अब दो दिन से दर्शन नहीं हुए तो मन बेचैन है।”
कोई आधिकारिक सूचना नहीं
हालांकि Premanand Maharaj के भक्तों ने यह जरूर बताया है कि उन्हें महाराज जी की तबीयत खराब होने की सूचना मिली है, लेकिन अभी तक महाराज जी की तरफ से, या उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है कि पदयात्रा को कब तक स्थगित किया गया है।
भक्तों की उम्मीदें अब बुधवार रात पर टिकी हैं। हर कोई यही जानना चाहता है कि क्या तीसरे दिन महाराज जी के दर्शन होंगे या फिर उनकी तबीयत को ध्यान में रखते हुए पदयात्रा स्थगित ही रहेगी। अब सभी की नजरें प्रेमानंद महाराज की स्थिति पर टिकी हैं।