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एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार को राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार, सीने पर खाई थी गोली…

Zeeshan Farooqui by Zeeshan Farooqui
January 25, 2022
in उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय, लखनऊ
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लखनऊ: यूपी कैडर के आईपीएस अफसर और उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार को राष्ट्रपति वीरता पदक से सम्मानित किया जाएगा।एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार को गौतमबुद्धनगर में 25 मार्च 2018 को डेढ़ लाख के इनामी बदमाश श्रवण को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराने के मामले में वीरता के लिए पुलिस पदक प्रदान किया जाएगा। मुठभेड़ के दौरान एडीजी के सीने पर बदमाश की ओर से चलाई गई गोली लगी थी, लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट पहने होने की वजह से उनकी जान को खतरा होने से बच गया था।

प्रशांत कुमार शांत स्वभाव लेकिन सशक्त शख्सियत है। वह एनंकाउंटर स्पेशलिस्ट हैं। प्रशांत कुमार की जहां भी तैनाती हुई क्रिमिनल इनके नाम से कराहने लगते हैं। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पद पर आने से पहले प्रशांत कुमार मेरठ जोन के एडीजी थे। वो मेरठ रेंज के डीआईजी भी रह चुके हैं।

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एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मशहूर किस्से

प्रशांत कुमार रियल लाइफ के सिंघम से कम नही हैं। अपराधियों पर खौफ का पर्याय बन चुके प्रशांत कुमार ने मेरठ ज़ोन में एडीजी रहते हुए एनकाउंटर ट्रेन चलाकर 500 से ज्यादा एनकाउंटर कर 700 अपराधियों को गिरफ्तार किया था। जुलाई 2017 को प्रशांत कुमार को मेरठ जोन का एडीजी बनाकर भेजा गया था। यह वह वक्त था जब मेरठ में अपराध की बाढ़ आई हुई थी। उस दौरान कुख्यात संजीव जीवा, कग्गा गैंग, मुकीम काला, सुशील मूंछू, अनिल दुजाना, विक्की त्यागी, सुन्दर भाटी, साबिर जैसे अपराधी सक्रिय थे। इनके खौफ से व्यापारी, आम लोग पश्चिमी यूपी छोड़ कर जाने लगे थे। तब सूबे के मुखिया ने एनकाउंटर जोन के मुखिया प्रशांत कुमार को मेरठ भेजा और एक के बाद एक एनकाउंटर से अपराधी कांपने लगे थे।

मेरठ जोन के एडीजी रहते हुए प्रशांत कुमार ने कांवड़ियों के लिए हेलिकॉप्टर से फूल बरसाते हुए उनका स्वागत किया था। वही लखनऊ में अवैध धर्मान्तरण मामले में एडीजी प्रशांत कुमार ने आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया था। दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया था और दिल्ली पुलिस को हिंसा के संबंध में जांच के लिए मदद की पेशकश की थी।

मूलत बिहार के रहने वाले प्रशांत कुमार का आईपीएस में चयन 1990 में तमिलनाडु कैडर में हुआ था। लेकिन 1994 में निजी कारणों से यूपी कैडर में ट्रांसफर हो गए। प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, जौनपुर, गाजियाबाद, अयोध्या, बाराबंकी और सहारनपुर में एसपी और एसएसपी रहे। एडीजी प्रशांत कुमार की जहां भी तैनाती हुई अपराध और अपराधी हमेशा उनके टारगेट पर रहे।

एडीजी प्रशांत कुमार को वीरता के लिए पुलिस पदक दूसरी बार प्रदान किया जा रहा है। इससे पूर्व वर्ष 2020 में प्रशांत कुमार को एक लाख के इनामी बदमाश रोहित व पचास हजार के इनामी बदमाश राकेश यादव को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराने के मामले में वीरता के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक प्रदान किया गया था। यूपी के पांच अफसरों को विशिष्ट सेवा पदक के लिए चुना गया है और प्रदेश के 72 पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को भी सराहनीय सेवा मेडल से सम्मानित किया जाएगा।

Tags: adg law and order prasht kishorPresident Gallantry Award
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