कानपुर। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में गुस्से के उबाल है। इस हमले में कानपुर के शुभम द्धिवेदी की भी जान गई है। ऐसे में शुभम के घर पर राजनीतिक दलों के नेताओं के आने का सिलसिला जारी है। बुधवार को कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी दोपहर 3ः35 बजे चकेरी एयरपोर्ट पहुंचें और यहां से सीधे वह आतंकवादियों की गोली का शिकार हुए शुभम द्विवेदी के घर हाथीपुर जाकर परिवारवालों से मिले। राहुल को देखकर शुभम की पत्नी फूट-फूट कर रोने लगीं। जिस पर राहुल गांधी ने कहा आपके साथ पूरा देश खड़ा है। आतंकियों से भारत की सेना जरूर बदला लेगी।
राहुल बीस मिनट रूके
राहुल गांधी बुधवार को कानपुर पहुंचे। वह चकेरी एयरपोर्ट से सीधे शुभम द्विवेदी के घर जाकर उनके परिवारवालों से मिले। राहुल गांधी शुभम द्विवेदी की पत्नी से मिले। उन्हें ढांढस बंधाया। इसके बाद शुभम द्विवेदी के पिता से मिलकर उन्हें गले लगाया। राहुल गांधी ने शुभम के परिवारवालों ं की प्रियंका वाड्रा से फोन के माध्यम से बात करवाई। प्रियंका से शुभम के पिता ने कहा कि आपकी दादी और पिता को भी आतंकवादियों ने छीना है। आतंकियों ने हमारे बेटे को भी छीना है। आप बड़ी पार्टी की बड़ी नेता हैं। ऐसे में अब पाकिस्तान को हरहाल में सबक सिखाने के लिए आप आवाज उठाएं। प्रियंका ने लगभग सात मिनट परिजनों से फोन पर बात की। वहीं, राहुल बीस मिनट रूके।
5 सेकेंड में मेरे पति को गोली मार दी
राहुल गांधी से शुभम द्विवेदी की पत्नी ने खुलकर बात की। आतंकी हमले की सारी जानकारी उन्हें दी। ऐशन्या ने राहुल गांधी को बताया कि 22 अप्रैल को दोपहर 2.25 बजे हम लोग लंच कर रहे थे। तभी नॉर्मल कपड़ों में एक आतंकी आया। उसने पूछा हिंदू हो या मुसलमान?। हिंदू कहते ही सिर्फ 5 सेकेंड में मेरे पति को गोली मार दी। जिस पर राहुल गांधी ने शुभम की पत्नी से पूछायह सब कितनी देर तक चला?। इस पर ऐशन्या ने कहा करीब 45 मिनट तक आतंकियों ने खून-खराबा किया। वे आराम से लोगों से नाम पूछ-पूछकर उन्हें मार रहे थे। उन्हें यह टारगेट दिया गया था कि पत्नी के सामने पति की हत्या करनी है। वे महिलाओं से कहते थे कि जाकर अपनी सरकार को बताओ। मैं तुम्हारे पति को मार रहा हूं, तुम्हें नहीं मारूंगा।
गिड़गिड़ाई, लेकिन किसी ने मदद नहीं की
राहुल गांधी ने शुभम द्विवेदी की पत्नी से पूछा कि जो लोग घायल थे, वे नीचे कैसे पहुंचे?। ऐशन्या ने जवाब दिया, सर, मुझे मेरी बहन घसीटकर नीचे ले आई। आतंकियों ने महिलाओं को छुआ तक नहीं। राहुल ने पूछा, आपने यह सब खुद देखा। इस पर ऐशन्या ने कहा, हां, मैं करीब 15-20 मिनट तक वहां थी। तभी शुभम द्विवेदी की पत्नी रोने लगी। इसी दौरान ऐशन्या की बहन ने कहा मैंने वहां मदद मांगी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। मेरी बहन शॉक्ड थी। कह रही थी कि वह नहीं जाएगी। मैं जबरन उसे खींचकर नीचे लाई। मैं घोड़े वालों से गिड़गिड़ाई, लेकिन किसी ने मदद नहीं की।
कड़ी से कड़ी सजा दिलाएंगे, वे चाहे जहां छुपे हों
राहुल गांधी ने शुभम द्विवेदी पिता संजय द्विवेदी से भी बात की। शुभम द्विवेदी के पिता ने कहा बेटे का आधा सिर इसके (ऐशन्या) ऊपर गिरा था। आप कुछ करिए। आप इस देश के बड़े नेता हैं। राहुल ने कहा कि मैंने दो बार ऐसा दर्द झेला है। मेरी दादी भी आतंकवाद की भेंट चढ़ीं और मेरे पिता भी चले गए। शुभम को शहीद का दर्जा मिले, इसके लिए मैं प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखूंगा। ऐसे लोगों को सम्मानित करने के लिए मैंने प्रधानमंत्री से सर्वदलीय बैठक की मांग की थी। राहुल ने कहा, आतंकियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएंगे, वे चाहे जहां छुपे हों।
शुभम को ऐशन्या के सामने गोली मार दी गई
दरअसल, कानपुर के शुभम द्विवेदी की 22 जुलाई को पहलगाम में हुए नरसंहार के दौरान हत्या कर दी गई थी। उनकी दो महीने पहले ऐशन्या से शादी हुई थी। 17 अप्रैल को ऐशन्या और परिवार के 11 सदस्यों के साथ शुभम कश्मीर घूमने गए थे। उन्हें 23 अप्रैल को घर लौटना था, मगर 22 अप्रैल को दोपहर 2.45 बजे पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकियों ने हमला कर दिया। शुभम को ऐशन्या के सामने ही गोली मार दी गई थी। शुभम द्विवेदी की मौत के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनके घर पर आए थे और कहा था कि हर एक जान का बदला लिया जाएगा। किसी को मोदी सरकार नहीं छोड़ेगी।