Saharanpur News: उत्तर प्रदेश की राजनीति में अचानक एक वीडियो के कारण बड़ी हलचल मच गई है। सहारनपुर के सरसावा एयरपोर्ट पर रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और पूर्व विधायक मनोज चौधरी के बीच हुई एक अनौपचारिक, मगर गंभीर मुलाकात ने सबको चौंका दिया है। वायरल वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि मनोज चौधरी, जो कि रामपुर मनिहारान क्षेत्र के एक प्रभावशाली नेता हैं, अखिलेश यादव का हाथ पकड़कर उन्हें भीड़ से अलग एक कोने में ले जाते हैं और धीमे स्वर में उनसे कुछ बातचीत करते हैं। यह पूरा वाकया कैमरे में कैद हो गया है, और इस खामोश गुफ्तगू ने स्थानीय से लेकर प्रदेश की राजनीति तक में नए कयासों को जन्म दे दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात 2027 के देवबंद विधानसभा चुनाव की रणनीति या संभावित टिकट को लेकर हो सकती है।
कौन हैं पूर्व विधायक मनोज चौधरी?
मनोज चौधरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश, विशेषकर Saharanpur जिले की राजनीति में एक जाना-माना चेहरा हैं। उनका राजनीतिक सफर कई दलों के साथ जुड़ा रहा है, जो उनकी क्षेत्रीय पकड़ और चुनावी महत्व को दर्शाता है:
बसपा से शुरुआत: मनोज चौधरी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से की थी।
वह 2007 से 2012 तक बसपा से देवबंद के विधायक रहे।
उनकी पत्नी, गायत्री चौधरी, भी 2005 से 2010 तक बसपा से जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं, जो इस क्षेत्र में उनके परिवार के प्रभाव को स्थापित करता है।
भाजपा में प्रयास: 2017 के विधानसभा चुनाव में, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थामा और सहारनपुर देहात सीट से चुनाव लड़ा, हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिली।
सपा में प्रवेश: 2022 के चुनाव में बीजेपी से टिकट न मिलने पर उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली और चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गए।
सियासी गलियारों में सुगबुगाहट: गुफ्तगू का क्या है मतलब?
यह वीडियो उस समय सामने आया जब अखिलेश यादव Saharanpur में तीन अलग-अलग विवाह समारोहों में शामिल होने पहुंचे थे। लेकिन उनसे ज्यादा चर्चा अब मनोज चौधरी के साथ हुई ‘वन-टू-वन’ बातचीत की हो रही है।
चुनाव की तैयारी: वर्तमान में, मनोज चौधरी 2027 के देवबंद विधानसभा चुनाव की तैयारी में सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं।
अटकलें: एयरपोर्ट पर अखिलेश यादव के साथ उनकी यह व्यक्तिगत और गंभीर बातचीत राजनीतिक विश्लेषकों के लिए एक बड़ा संकेत है। यह माना जा रहा है कि यह मुलाकात आगामी चुनावों की रणनीति, टिकट वितरण, या क्षेत्र से जुड़े किसी अहम मुद्दे पर की गई है।
वीडियो के वायरल होने के बाद स्थानीय Saharanpur कार्यकर्ताओं और आम लोगों के बीच उत्सुकता बढ़ गई है। भले ही बातचीत का विषय सामने न आया हो, लेकिन यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह मुलाकात केवल औपचारिक नहीं थी, जिसने सियासी हलकों में तापमान बढ़ा दिया है।










