Sambhal Violence : संभल जिले में रविवार को जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इसके बाद पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट में आ गया। आज जुमे की नमाज के मद्देनज़र (Sambhal Violence) पुलिस बल को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया है। इससे पहले गुरुवार को पुलिस ने मस्जिद के आस-पास के इलाकों में फ्लैग मार्च किया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, संभल शहर में जनजीवन अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रीश चंद्र के नेतृत्व में पुलिस दल ने शहर के व्यस्त बाजारों में फ्लैग मार्च किया, ताकि लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा की जा सके।
डीएम, एसपी और एसएचओ की गिरफ्तारी की मांग
संभल हिंसा मामले में डीएम, एसपी और एसएचओ की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हाईकोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है।
बरेली में पुलिस हिरासत से छोड़े गए मौलाना तौकीर
बरेली में पुलिस हिरासत से छोड़े गए मौलाना तौकीर
अफसरों के समझाने पर अपने आवास लौटे मौलाना तौकीर
संभल जाते समय रोके गए थे आईएमसी प्रमुख
बरेली के सीबीगंज थाने में रोककर रखे गए तौकीर#Sambhal #TauqeerRaza #SambhalViolence #MaulanaTauqeerRaza pic.twitter.com/qCq9YMJ4yL
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संभल जाना चाहते थे मौलाना तौकीर रजा
संभल जाना चाहते थे मौलाना तौकीर रजा
बरेली पुलिस ने हिरासत में लिया #Sambhal #TauqeerRaza #UttarPradesh #SambhalViolence #MaulanaTauqeerRaza@bareillypolice pic.twitter.com/n7bwE6dX4u
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अवधेश प्रसाद ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट द्वारा शाही जामा मस्जिद कमेटी को इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील करने का सुझाव देने पर समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने इसे देशहित में लिया गया एक सकारात्मक निर्णय बताया और लोगों से इसका समर्थन करने की अपील की।
सीलबंद लिफाफे में दी जाए रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद समिति को ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करने का सुझाव दिया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रायल कोर्ट इस दौरान कोई कार्रवाई नहीं करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर को सर्वे रिपोर्ट ट्रायल कोर्ट में जमा करने की अनुमति दी है लेकिन रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह मामला लंबित रहेगा और इस दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने क्षेत्र में शांति और सद्भाव बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। सीजेआई ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि वे सौहार्द्र सुनिश्चित करें और शांति समितियों की बैठकें आयोजित करें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष को निचली अदालत के फैसले को उच्च अदालत में चुनौती देने का अधिकार है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया कि वह ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही को रोक सकता है।
निचली अदालत न ले कोई एक्शन- SC
सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने की अनुमति दी है और अगले कानूनी कदम तक निचली कोर्ट को सर्वे रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश ने जिला प्रशासन को शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने की हिदायत दी। यह कहते हुए कि अदालत नहीं चाहती कि कोई अप्रिय घटना हो।
कोर्ट ने सुझाव दिया कि जिलों में मध्यस्थता समितियां बनाई जानी चाहिए और न्यायालय को पूरी तरह निष्पक्ष रहते हुए यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हमारा उद्देश्य इलाके में शांति और सौहार्द बनाए रखना है।
संभल घटना पर जयंत चौधरी ने कहा-
संभल की घटना (Sambhal Violence) पर केंद्रीय मंत्री जयंत सिंह चौधरी ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में निर्णय लेना चाहिए। पूजा स्थल अधिनियम की अपनी अहमियत है और अयोध्या फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्पष्ट दिशा तय की है। अब यह सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर है कि वह इसे लेकर निर्देश जारी करे। कानून अपने हाथ में लेना बिल्कुल गलत है। भीड़ क्यों इकट्ठा हो रही है और पथराव क्यों हो रहा है? यह स्वीकार्य नहीं है।”
जामा मस्जिद कमेटी के वकील ने क्या कहा?
संभल की शाही जामा मस्जिद कमेटी के वकील शकील अहमद वसीम ने कहा, “हमने मस्जिद की ओर से अदालत में पेश होकर मामले से जुड़े दस्तावेजों की प्रतियां मांगीं और अदालत ने इस संबंध में आदेश जारी किया। आज सर्वे रिपोर्ट पेश नहीं की गई क्योंकि सर्वेक्षण टीम ने रिपोर्ट जमा करने के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध किया है। अब मस्जिद का कोई और सर्वेक्षण नहीं किया जाएगा।”
मौलाना खालिद रशीद ने घटना पर क्या कहा?
एआईएमपीएलबी के मौलाना खालिद रशीद ने संभल की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि अदालतों द्वारा मस्जिदों के सर्वेक्षण के आदेशों से मुसलमानों के बीच विशेष रूप से मस्जिदों को लेकर असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय और राजनीतिक दलों से शांति बनाए रखने की अपील की है। मौलाना रशीद ने कहा, “हम सभी को संविधान में विश्वास बनाए रखना चाहिए,” और मुसलमानों से शांतिपूर्ण तरीके से स्थिति का सामना करने का अनुरोध किया।
एएसपी ने क्या बताया?
एएसपी ने बताया कि इलाके में स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण और सामान्य है। जुमे की नमाज के लिए सुरक्षा तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “इलाके में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है और हम किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।” एएसपी ने बताया कि जुमे की नमाज को लेकर स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन ने स्थानीय मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बैठक की है।
कोर्ट में पेश होगी सर्वे रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई
इस मामले को लेकर मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में निचली अदालत के सर्वे के आदेश को चुनौती दी गई है। याचिका में मांग की गई है कि निचली अदालत के फैसले पर तुरंत रोक लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट में एक पक्ष शाही जामा मस्जिद का प्रबंधन है, जबकि दूसरा पक्ष हरि शंकर जैन है। मुस्लिम पक्ष ने चीफ जस्टिस संजीव खन्ना से जल्द सुनवाई की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि यह असाधारण मामला है, इसलिए कोर्ट को असाधारण कदम उठाने चाहिए।