सिंधी समाज में धर्मांतरण कांड का बड़ा भंडाफोड़: Agra में ‘लालवानी नेटवर्क’ का पर्दाफाश, विदेश तक फैला जाल

उत्तर प्रदेश के आगरा में सिंधी समाज से जुड़ा बड़ा धर्मांतरण कांड सामने आया है। राजकुमार लालवानी नामक व्यक्ति पर जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार कर विदेश तक फैले नेटवर्क की जांच शुरू की है।

Agra

Agra forced conversion: उत्तर प्रदेश के आगरा में सिंधी समाज से जुड़ा एक बड़ा धर्मांतरण कांड सामने आया है। शाहगंज के केदारनगर कॉलोनी में रहने वाला राजकुमार लालवानी, जो 4 साल पहले सिंधी हिन्दू धर्म छोड़कर ईसाई बन गया था, अब एक पूरे नेटवर्क के जरिए लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन करा रहा था। आगरा पुलिस ने इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 3 महिलाएं भी शामिल हैं। आरोपी लालवानी आर्थिक, शैक्षिक और चिकित्सीय प्रलोभन देकर लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर करता था। पुलिस जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि लालवानी का नेटवर्क पंजाब, महाराष्ट्र और यहां तक कि विदेशों तक फैला है। मामले के सामने आने से सिंधी समाज में गुस्सा और आक्रोश का माहौल है।

लालवानी ने कैसे बनाया धर्मांतरण का जाल

Agra पुलिस जांच के मुताबिक, आरोपी राजकुमार लालवानी पहले बिजली मिस्त्री का काम करता था। करीब 4 साल पहले वह महाराष्ट्र के उल्लासनगर में अपने रिश्तेदारों के पास गया था, जहां से वह क्रिश्चियन बनकर लौटा। इसके बाद उसने आगरा में एक गिरोह खड़ा किया, जो लोगों को बीमारियों के इलाज, बच्चों की पढ़ाई, नौकरी और आर्थिक मदद का लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करता था। लालवानी अपने घर पर हर रविवार विशेष प्रार्थना सभा आयोजित करता था, जहां बीमार और आर्थिक संकट झेल रहे लोग आते थे।

बाल पकड़कर ‘ठीक’ करने का नाटक

Agra निवासी सुनील करमचंदानी ने बताया कि लालवानी बीमारियों का इलाज करने के नाम पर लोगों के बाल पकड़कर उन्हें आधे घंटे तक घुमाता था। वह कहता था कि ठीक होने के लिए घर से हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां हटानी होंगी, कलावा और टीका उतारना होगा तथा ईसाई धर्म अपनाना होगा। इसी तरह Agra पुलिस की महिला कांस्टेबल्स को भी बीमार बनकर भेजा गया, जहां लालवानी ने उन्हीं पर यही तरीका अपनाया। दो महीने तक गुप्त जांच के बाद पुलिस ने पूरे रैकेट का भंडाफोड़ किया।

सोशल मीडिया से फैलाता था नेटवर्क

Agra पुलिस ने बताया कि लालवानी का नेटवर्क केवल आगरा तक सीमित नहीं था। वह व्हाट्सएप पर “चर्च ऑफ गॉड आगरा” नाम का ग्रुप चलाता था, जिसमें 86 मेंबर जुड़े थे। इसके अलावा यूट्यूब चैनल के जरिए भी प्रचार-प्रसार होता था। गिरोह के अन्य 7 आरोपियों में अनूप कुमार, कमल कुंडलानी, जयकुमार, अरुण कुमार और तीन महिलाएं शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से बाइबिल, प्रार्थना सामग्री और धर्म परिवर्तन से जुड़े दस्तावेज बरामद किए हैं।

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