कानपुर ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के नौ विधानसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर सूबे का सियासी पारा अपने पूरे सवाब पर है। सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर अखिलेश यादव धुआंधार रैलियां कर रहे हैं। सबकी नजर समाजवादी पार्टी की गढ़ कहे जाने वाली सीसामऊ सीट पर हैं। यहां सीएम योगी जनसभा, रोड शो के जरिए बीजेपी के लिए जमीन तैयार कर गए हैं। अब बारी सपा प्रमुख की है। वह भी नसीम सोलंकी के समर्थन में रोड शो करने के लिए आ रहे हैं। शिवपाल सिंह यादव भी ढेरा जमाए हुए हैं, तो बीजेपी ने पूर्व डीजीपी ब्रजलाल और यूपी सरकार में मंत्री व पूर्व आईपीएस असीम अरूण को यहां की कमान सौंपी हैं। दोनों अंदरखाने बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में माहौल तैयार कर रहे हैं। ऐसे में हम आपको इस सीट के हर उस पहलू से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिसके खातिर बीजेपी व सपा के बीच भीषण सियासी जंग जारी है।
सपा-बीजेपी के बीच माना जा रहा मुकाबला
सीसामऊ सीट (Sisamau Byelection) पर होने जा रहे उपचुनाव में बीजेपी व सपा के बीच मुकाबला बताया जा रहा है। बीजेपी ने यहां से सुरेश अवस्थी को चुनाव के मैदान में उतारा है तो सपा की तरफ से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी सियासी पिच पर ताबड़तोड़ बैटिंग कर रही हैं। जबकि बीएसपी ने यहां से वीरेंद्र कुमार को अपना कैंडीडेट घोषित किया हुआ है। बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर कई नेता जनसभा, रोड शो कर चुके हैं। समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के लिए अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के साथ ही अमेठी से कांग्रेस के सांसद जनता के बीच जाकर वोट मांगा। जानकार बताते हैं कि सीसामऊ सीट इसबार बीजेपी-सपा के लिए नाक का सवाल बन गई है। ये सीट सपा का गढ़ रही है। यहां से इरफान सोलंकी के अलावा उनके पिता कईबार विधायक चुने गए। मुलायम सिंह यादव का भी इस सीट से खासा लगाव रहा है। वह इरफान सोलंकी के पिता के समर्थन में जनसभाएं कर चुके हैं।
इस वजह से हो रहा उपचुनाव
सीसामऊ सीट (Sisamau Byelection) से 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा कैंडीडेट इरफान सोलंकी विधायक चुने गए थे। पिछले दोनों एक महिला के घर को जलाने के मामले में उन्हें 7 साल की सजा सुनाई गई। इसके बाद इरफान सोलंकी की विधायकी जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत समाप्त हो गई। जिसके चलते सीसामऊ सीट के लिए उपचुनाव होना है। मतदान 20 नवंबर को होगा और परिणाम 23 नवंबर को आएगा। सपा के गढ़ पर कब्जे को लेकर बीजेपी ने पूरी ताकत झोक दी है। सीएम से लेकर दोनों डिप्टी सीएम व प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में जनसभाएं कर चुके हैं। बीजेपी ने राज्यसभा सांसद व पूर्व डीजीपी ब्रतलाल और यूपी सरकार में मंत्री व पूर्व आईपीएस असीम अरूण को भी यहां की कमान सौंपी हुई है। दोनों नेता अंदरखाने बीजेपी के पक्ष में माहौल तैयार कर रहे हैं।
2012 में अस्तित्व में आई थी सीसामऊ सीट
वर्ष 2012 में नए परिसीमन के तहत सीसामऊ विधानसभा (Sisamau Byelection) क्षेत्र बना। इसके बाद से यह सीट सपा के पास है। इरफान सोलंकी का इस सीट पर खासा दबदबा रहा है। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी रहे इरफान सोलंकी को 79,163 वोट मिले थे। जबकि बीजेपी उम्मीदवार सलिल बिश्नोई 66,897 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थ। कांग्रेस के हाजी सुहेल अहमद को 5616 वोट मिले। अगर 2017 के चुनाव की बात करें तो इरफान सोलंकी को तब 73,030 वोट मिले थे। बीजेपी के सुरेश अवस्थी 67,204 पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। बीएसपी के नंद लाल कोरी 11,949 मिले थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में हाजी इरफान सोलंकी को 56,496 वोट मिले। जबकि बीजेपी के हनुमान स्वरूप मिश्रा 36,833 मिले। कांग्रेस के संजीव दरियाबदी 22,024 पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
सबसे ज्यादा मुस्लिम वोटर्स
सीसामऊ विधानसभा (Sisamau Byelection) क्षेत्र में सबसे अधिक मुस्लिम मतदाता हैं। वहीं, दूसरे नंबर पर ब्राह्मण वोटर आते हैं। सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में एक अनुमान के मुताबिक, मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 1 40 000 है। इसके बाद ब्राह्मण वोटर करीब 80 हजार हैं। तीसरे स्थान पर दलित वोटर आते हैं और उनकी संख्या करीब 70 हजार है। इनके अलावा कायस्थ 26 हजार, सिंधी एवं पंजाबी 6 हजार, क्षत्रिय 6 हजार और अन्य पिछड़ा वर्ग 12,411 वोटर बड़ी भूमिका निभाते हैं। 2002 के बाद से मुस्लिम मतदाता सपा के साथ मजबूती के साथ खड़ा है। इसी के कारण तीन बार लगातार यहां से इरफान सोलंकी विधायक चुने गए। उससे पहले इरफान के पिता हाजी मुस्ताक सोलंकी विधायक निर्वाचित हुए।
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70 से अधिक दलित वोटर्स
उपचुनाव में बीजेपी की नजर दलित वोटर्स पर है। इसी के चलते बीजेपी ने अपने दो दलित नेता, ब्रजपाल और असीम अरूण को बहुत पहले से यहां भेज दिया था। दोनों नेता चौपाल के जरिए सीधे जनता से रूबरू हुए। जानकार बताते हैं कि अगर दलित वोटर्स बीजेपी के साथ आ गया तो संभव है कि सपा के गढ़ पर इसबार कमल का फूल खिल सकता है। 2024 के लोकसभा चुनाव के वक्त बृजलाल को सीसामऊ और आर्यनगर विधानसभा में भेजा गया था। जिसका परिणाम रहा कि बीजेपी को 2019 के मुकाबले इन दोनों सीटों पर ज्यादा वोट मिले। 2020 में भी ब्रजलाल दोनों सीटों पर ढेरा जमाया। दलितों के बीच बीजेपी को पहुंचाया। हालांकि 2022 के चुनाव में बीजेपी को इन दोनों सीटों में हार मिली। पर बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ा।
1991 में पहली बार जीती बीजेपी
सीसामऊ विधानसभा सीट (Sisamau Byelection) पर पहली बार 1985 में बीजेपी ने छवि लाल को टिकट दिया, पर उन्हें हार मिली। 1989 में पन्ना लाल तांबे को चुनाव के मैदान में उतारा और वह तीसरे नंबर पर रहे। बीजेपी ने 1991 में चुनाव में राकेश सोनकर को टिकट दिया और वह विधायक चुने गए। राकेश सोनकर ने 1993 और 1996 में लगातार दो और जीत हासिल कीं। इसके बाद लगातार दो बार 2002 और 2007 में कांग्रेस के संजीव दरियाबादी ने बीजेपी प्रत्याशियों को हराया। संजीव दरियाबादी के लिए यह सीट पारिवारिक कही जा सकती है, क्योंकि उनकी मां कमला दरियाबादी यहीं से 1985 में चुनाव जीती थीं। हालांकि इस सुरक्षित सीट को सामान्य घोषित करने के बाद यहां पर सपा का कब्जा हो गया।
ये प्रत्याशी आजमा रहे किस्मत
नसीम सोलंकी सपा
सुरेश अवस्थी भाजपा
वीरेंद्र कुमार बसपा
चांद बाबू आजाद आजाद समाज पार्टी
कृष्ण कुमार निर्दलीय
मो. आफताब राजपा
अशोक पासवान सभी जन पार्टी
महेश चंद्र शर्मा निर्दलीय
खुर्शीदा सोलंकी सपा
गौरव बाजपेई अपना दल के
सतनाम सिंह निर्दलीय