SP leaders controversy: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं—सांसद रामजी लाल सुमन और विधायक मोहम्मद रिजवी—ने अपने हालिया बयानों से हिंदू आस्था को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है। एक ओर जहां रामजी लाल सुमन ने धर्मांतरण को हिंदू धर्म में कथित असमानता से जोड़ा, वहीं दूसरी ओर मोहम्मद रिजवी ने कांवड़ यात्रा को “अंधविश्वास” और उसमें भाग लेने वालों को “अनपढ़” कहकर कटघरे में खड़ा कर दिया। इन बयानों से भाजपा समेत हिंदू संगठनों में आक्रोश फैल गया है। सोशल मीडिया पर सपा नेताओं के बयानों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। सवाल उठ रहा है—क्या सपा को हिंदू आस्था के खिलाफ बोलने की छूट है? और क्या पार्टी नेतृत्व इस पर स्पष्ट रुख अपनाएगा?
“कांवड़ यात्रा अंधविश्वास”, भाजपा ने बताया हिंदू आस्था पर हमला
बलिया के सिकंदरपुर से SP विधायक मोहम्मद रिजवी ने गंगा बहुद्देशीय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में कांवड़ यात्रा पर विवादित बयान देते हुए कहा, “कांवड़ यात्रा में सिर्फ अनपढ़ लोग जाते हैं, इनमें कोई आईएएस, नेता या पूंजीपति नहीं दिखता। जो हो रहा है, वह अंधविश्वास है।” उन्होंने सवाल उठाया कि क्या किसी मंत्री, सांसद, या उद्योगपति के बेटे को कभी कांवड़ उठाते देखा है?
उनके इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा, “जब भगवान शिव थे तब कौन सा विश्वविद्यालय था? क्या भक्ति के लिए पढ़ाई जरूरी है?” उन्होंने इसे हिंदू आस्था का खुला अपमान बताया।
सपा के राष्ट्रीय सचिव अवलेश सिंह ने विवाद बढ़ता देख रिजवी के बयान से किनारा करते हुए कहा, “यह विधायक का व्यक्तिगत मत है, पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं।”
“जब तक समानता नहीं, धर्मांतरण नहीं रुकेगा”
फिरोजाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान सपा के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा कि जब तक हिंदू धर्म में समानता नहीं आएगी, तब तक धर्मांतरण की घटनाएं नहीं रुकेंगी। उन्होंने दावा किया कि महात्मा गांधी और स्वामी विवेकानंद भी हिंदू धर्म में समानता की बात करते थे, और असमानता के चलते धर्म नष्ट हो सकता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि दलितों और पिछड़ों को आज भी मंदिरों में घुसने नहीं दिया जाता। यहां तक कि उन्होंने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आवास को गंगाजल से धुलवाने के मामले को भी भेदभाव का उदाहरण बताया।
रामजी लाल सुमन ने कहा, “जब मंदिर में भेदभाव होगा, जब इंसान को बराबरी नहीं मिलेगी, तब लोग धर्मांतरण करेंगे ही। अगर कोई लड़की पैसे या निकाह के कारण धर्म बदलती है, तो वो उसका व्यक्तिगत कारण हो सकता है, लेकिन असमानता ही असली जड़ है।”
“SP का असली चेहरा सामने आया”
भाजपा नेताओं ने इन दोनों बयानों को सुनियोजित हमला करार दिया। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि SP को हर बार हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने में मज़ा आता है। सपा पर आरोप लगे कि वह तुष्टिकरण की राजनीति के तहत एक धर्म विशेष के लोगों को खुश करने के लिए हिंदू परंपराओं पर सवाल उठाती है।
एक ओर जहां देश में आस्था और विश्वास की मिसालें दी जाती हैं, वहीं सपा नेताओं के हालिया बयान राजनीतिक और धार्मिक असहिष्णुता को हवा दे रहे हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या SP का नेतृत्व इन बयानों पर कोई ठोस कदम उठाएगा, या फिर एक बार फिर ‘व्यक्तिगत राय’ बताकर अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ेगा?