Summer Camp: उत्तर प्रदेश के परिषदीय और माध्यमिक स्कूलों में इस बार गर्मियों की छुट्टियाँ कुछ अलग और यादगार बनने जा रही हैं। 21 मई से 10 जून तक सुबह 7 बजे से 10 बजे तक समर कैंप का आयोजन किया जाएगा। इस कैंप में बच्चों को सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि कई मजेदार और सीखने वाली गतिविधियों में भाग लेने का मौका मिलेगा।
समर कैंप को लेकर ज़ूम मीटिंग बुलाई गई
इस कैंप को सही ढंग से लागू करने के लिए 19 मई को स्कूल शिक्षा महानिदेशालय ने एक ज़ूम मीटिंग रखी है। इसमें राज्य के सभी डायट प्राचार्य, एडी बेसिक, डीआईओएस, बीएसए, बीईओ और जिला समन्वयक शामिल होंगे। बैठक में समर कैंप की योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।
कुछ शिक्षकों ने जताया विरोध, मिला आंशिक समाधान
हालांकि, कुछ शिक्षक संगठनों ने इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि छुट्टियों में बच्चों और शिक्षकों दोनों को आराम की जरूरत होती है। इस पर शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि समर कैंप एडेड और प्राइवेट स्कूलों के लिए अनिवार्य नहीं, बल्कि वैकल्पिक रहेगा। सरकारी स्कूलों में यह आयोजन बच्चों के समग्र विकास को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
कैंप में होंगी मजेदार और रचनात्मक गतिविधियां
शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव कंचन वर्मा ने कहा कि यह कैंप सिर्फ औपचारिकता न बने, बल्कि बच्चों के लिए एक यादगार अनुभव हो। इन कैंपों में बच्चों को योग, इनडोर खेल, चित्रकला, मस्ती भरी पढ़ाई और हाथ से कुछ नया बनाने जैसी गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। शहरी इलाकों में बच्चों को कोडिंग, म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट्स बजाना और तकनीकी नवाचार से भी रूबरू कराया जाएगा।
मॉडल समर कैंप बनाए जाएंगे प्रेरणा स्रोत
हर जिले में 10 मॉडल समर कैंप खास तौर पर चलाए जाएंगे, ताकि दूसरे स्कूल भी इनसे प्रेरणा ले सकें। इसके अलावा, एनसीसी वॉलंटियर्स, एनजीओ और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाएगा। प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की मदद से कैंप के लिए रंगीन बुकलेट, पोस्टर और भाग लेने वाले बच्चों को सर्टिफिकेट भी दिए जाएंगे।