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राजनीति में रिकॉर्ड बनाने के लिए सुरेश खन्ना का नाम 'गिनीज बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकॉर्ड' में होगा दर्ज, जानिए कौन सा इतिहास रचा है…

राजनीति में रिकॉर्ड बनाने के लिए सुरेश खन्ना का नाम ‘गिनीज बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में होगा दर्ज, जानिए कौन सा इतिहास रचा है…

लखनऊ: शाहजहांपुर की धरती देश के लिए अमिट हस्ताक्षर है। यह रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाकउल्लाह खान की साझी विरासत को सींचने वाली धरती है। शहीदों की यह धरती उत्तर प्रदेश के मध्य और पश्चिमी भाग के बीच का गेटवे है। विधानसभा चुनावों की दस्तक के बीच शाहजहांपुर की राजनीति में सबसे सक्रिय और चर्चित कोई नाम है, तो वह है सुरेश खन्ना। योगी सरकार में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बाद तीसरी रैंक पर गिने जाने वाले कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना की राजनीति भी उतनी ही दिलचस्प है।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में जाति और धर्म काफी अहम फैक्टर है। चुनावी समीकरण और जीत-हार के मायने इसी से तय होते हैं। लेकिन कई नेता अपवाद भी साबित होते हैं। और ऐसी लिस्ट अगर तैयार होगी तो सुरेश खन्ना ऊपर के पायदान पर ही रहेंगे। भारतीय जनता पार्टी की राजनीति में सक्रिय खन्ना पंजाबी खत्री मूल के नेता हैं। साल 1989 में पहली बार चुनाव जीतने के बाद सुरेश खन्ना ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और जीत का सिलसिला आज तक नहीं टूटा।

लखनऊ यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई करने वाले सुरेश खन्ना का रूझान छात्र जीवन के समय से ही राजनीति में रहा। भगवान हनुमान में अटूट आस्था है। अपने को फुल टाइम पॉलिटिशन और जमीनी नेता मानने वाले सुरेश खन्ना ने पहला चुनाव लोकदल के टिकट पर लड़ा था। लेकिन सफल नहीं हुए। बाद में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया और 1989 में पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद 1991, 1993, 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 के चुनाव में शाहजहांपुर की जनता सुरेश खन्ना को ही चुनती रही।

यूपी ही नहीं, पूरे देश में कोई भी नेता लगातार नौ बार एक ही विधानसभा क्षेत्र से चुनाव नहीं जीता है। यह रिकॉर्ड प्रमोद तिवारी ने बनाया था, जिसके चलते उनके नाम ‘गिनीज बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज है। मगर, अब प्रमोद तिवारी के रिकॉर्ड की बराबरी सुरेश कुमार खन्ना ने की है। इसलिए उनका नाम भी गिनीज बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा।

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