Tirupati Laddu: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसिद्ध लड्डुओं में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट का सनसनीखेज आरोप सामने आने के बाद अयोध्या में भी हड़कंप मच गया है। इस विवाद ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान तिरुपति से आए लड्डुओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। धार्मिक समुदायों में आक्रोश फैल गया है, और साधु-संत इसे सनातन धर्म पर हमला मान रहे हैं। अब जांच की मांग जोर पकड़ रही है, जबकि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस पर फिलहाल कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
विशेषकर, अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इस मुद्दे को “धर्म के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र” बताया है। उन्होंने कहा, “रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय भी तिरुपति से लाखों लड्डू प्रसाद के रूप में आए थे। अब यह जानना कि उनमें जानवरों की चर्बी और मछली का तेल था, बेहद दुखद और कष्टकारी है। यह सनातन धर्म पर कुठाराघात है। सरकार को गंभीरता से इस मामले की जांच करनी चाहिए।”
क्या है मामला?
तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसिद्ध लड्डुओं में “बीफ टैलो” यानी जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का उपयोग किया गया है। यह मिलावट वाईएसआर कांग्रेस सरकार के शासनकाल में हुई थी। इस खुलासे के बाद तिरुपति मंदिर की पवित्रता पर सवाल उठने लगे, और अयोध्या में भी धार्मिक समुदायों ने इस मामले पर चिंता जताई है।
राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान तिरुपति से एक लाख लड्डुओं का प्रसाद आया था, जिसे हजारों भक्तों के बीच वितरित किया गया। अब इस प्रसाद पर भी संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है, जिससे अयोध्या के धार्मिक और राजनीतिक हलकों में भारी तनाव उत्पन्न हो गया है।
अयोध्या में प्रतिक्रिया
अयोध्या के प्रमुख मंदिरों, जैसे कि हनुमानगढ़ी और राम जन्मभूमि परिसर, में पुजारियों और साधु-संतों ने Tirupati Laddu विवाद को लेकर अपनी नाराज़गी व्यक्त की है। पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर स्वामी बालक दास जी महाराज ने इसे “सनातन धर्म का अपमान” बताया और कहा कि तिरुपति मंदिर हिंदू आस्था का प्रमुख केंद्र है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तिरुपति मंदिर की प्रबंधन व्यवस्था को ईसाई शक्तियों ने कमजोर किया है, जिससे यह विवाद उत्पन्न हुआ।
मथुरा में बेलगाम बिल्डर का बड़ा खेल, आश्रम के नाम पर ली जमीन… रातों रात काट डाले 300 पेड़
स्वामी बालक दास ने भारत सरकार से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की। “यह हिंदू धर्म पर हमला है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,” उन्होंने कहा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की प्रतिक्रिया
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा, “हमारे मंदिर में केवल इलायची दाना ही प्रसाद के रूप में वितरित होता है। Tirupati Laddu का हमारे मंदिर से कोई संबंध नहीं है। जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जाना चाहिए। बिना तथ्यों के आरोप-प्रत्यारोप करना ठीक नहीं।”
आगे की राह
इस विवाद के बढ़ने के साथ ही अयोध्या और तिरुपति दोनों जगहों पर जांच की मांग तेज हो गई है। हालांकि, अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। NDDB द्वारा की गई प्रारंभिक जांच के आधार पर, Tirupati Laddu प्रसादम में मिलावट की पुष्टि की गई है, लेकिन इसे बड़े षड्यंत्र के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।
आस्था के इन प्रमुख केंद्रों पर लगे आरोपों ने करोड़ों भक्तों की भावनाओं को झकझोर दिया है। अब देखना यह है कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और इससे हिंदू धार्मिक संस्थानों की पवित्रता पर क्या प्रभाव पड़ता है।