Toll Plaza scam : लालगंज (मीरजापुर)। देश के 42 टोल प्लाजा पर 120 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध वसूली और राजस्व चोरी के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। गुरुवार रात एसटीएफ और लालगंज पुलिस ने मामले के मास्टरमाइंड सावन लाल कुम्हावत को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी सावन लाल राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले का रहने वाला है। पुलिस ने शुक्रवार को उसे जेल भेज दिया। इससे पहले तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
कैसे चल रहा था खेल
आरोपियों ने टोल बूथ के कंप्यूटर में एनएचएआई के सॉफ्टवेयर के साथ साथ एक समानांतर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर रखा था। इस सॉफ्टवेयर की मदद से फास्ट टैग वाले वाहनों से जुड़े नियमों को दरकिनार कर अवैध वसूली की जा रही थी। बिना फास्ट टैग वाले वाहनों से दोगुना टोल टैक्स वसूला जाता और पैसे सीधे इस फर्जी सॉफ्टवेयर में दर्ज होते।
मास्टरमाइंड सावन लाल की भूमिका
पुलिस ने बताया कि सावन लाल ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया। जांच में पता चला कि रोजाना औसतन 45,000 रुपये का टोल टैक्स गबन किया जा रहा था। एसटीएफ की टीमें अब अन्य संदिग्धों की तलाश में जुटी हैं।
गिरफ्तार हुए अन्य आरोपी
जांच के दौरान आलोक कुमार सिंह, मनीष मिश्रा, और राजीव कुमार मिश्र को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इनके पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन, नकदी और फर्जी टोल पर्चियां बरामद हुईं।
टोल प्लाजा पर तकनीकी गड़बड़ियां
देशभर के कई टोल प्लाजा पर इस फर्जीवाड़े के चलते सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हुआ है। एनएचएआई ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है।
आरोपियों की लंबी लिस्ट
फर्जी सॉफ्टवेयर के जरिए कई राज्यों के टोल प्लाजा पर अवैध वसूली हो रही थी। इनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, असम, छत्तीसगढ़, और गुजरात के प्लाजा शामिल हैं। एसटीएफ की छापेमारी के बाद टोल कर्मियों में हड़कंप मच गया है।
सख्त कार्रवाई का आश्वासन
एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि दोषी पाए जाने पर टोल संचालकों के अनुबंध रद्द कर दिए जाएंगे। टोल कर्मियों की करतूतों पर सख्त कार्रवाई होगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।