Unnao Road Accident: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में देर रात एक भीषण सड़क हादसा हुआ। बांगरमऊ इलाके में तेज रफ्तार डंपर और डीसीएम ट्रक आमने-सामने टकरा गए। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों वाहनों में आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली कि कैबिन में बैठे ड्राइवर और उनके सहयोगियों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला। इस हादसे में डंपर चालक, उसका साथी और डीसीएम का ड्राइवर मौके पर ही जिंदा जलकर मौत का शिकार हो गए।
हादसा कैसे हुआ?
जानकारी के अनुसार, बांगरमऊ के मरी कंपनी के पास यह दुर्घटना हुई। बताया जाता है कि उन्नाव से हरदोई की ओर जा रहा डंपर और हरदोई से उन्नाव की तरफ आ रहा डीसीएम ट्रक तेज रफ्तार में आमने-सामने भिड़ गए। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों गाड़ियों के कैबिन में तुरंत आग लग गई। देखते ही देखते लपटों ने पूरे हिस्से को घेर लिया और कैबिन में फंसे लोगों को बचाने का कोई रास्ता नहीं बचा।
आग में फंसे चालक और साथी
हादसे में डंपर चालक पवन यादव और उसका सहयोगी सुमित बुरी तरह फंस गए। दोनों कैबिन से बाहर नहीं निकल सके और जिंदा जलकर मौत हो गई। वहीं डीसीएम के ड्राइवर महिपाल भी लपटों में घिरकर जान गंवा बैठे। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया। घटना में डीसीएम का हेल्पर सोनू गंभीर रूप से झुलस गया, जिसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है।
पुलिस की कार्रवाई
जैसे ही सूचना मिली, बांगरमऊ थाना प्रभारी चंद्रकांत सिंह पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद कैबिन में फंसे शवों को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेजा। साथ ही क्रेन बुलवाकर सड़क पर खड़े दोनों जले हुए वाहनों को किनारे कराया गया ताकि यातायात फिर से शुरू हो सके।
परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़
इस हादसे की खबर मिलते ही मृतकों के परिवारों में कोहराम मच गया। पवन यादव और सुमित के घरवालों को यकीन ही नहीं हो रहा कि उनके प्रियजन अब इस दुनिया में नहीं रहे। महिपाल के परिवार पर भी गहरा दुख छा गया। पुलिस ने सभी परिजनों को हादसे की जानकारी दे दी है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
सड़क हादसों का बढ़ता खतरा
तेज रफ्तार और लापरवाही एक बार फिर बड़ी त्रासदी का कारण बनी है। आए दिन हो रहे सड़क हादसे इस बात का सबूत हैं कि ट्रकों और बड़े वाहनों की रफ्तार पर अंकुश लगाना बेहद जरूरी है। अगर सख्त नियम और जागरूकता नहीं लाई गई तो ऐसे हादसे रुकना मुश्किल होंगे।
उन्नाव का यह दर्दनाक हादसा फिर से सवाल खड़ा करता है कि आखिर सड़क सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीरता बरती जा रही है। तीन परिवारों ने अपनों को खो दिया, अब उनके सामने जिंदगी भर का दुख बाकी रह गया है।