लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली, महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद अब बीजेपी के अंदर राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ कई राज्यों प्रदेश अध्यक्षों को लेकर मंथन चल रहा है। इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा यूपी बीजेपी चीफ के नाम को लेकर हो रही है। यहां मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। नए अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। मंडल और जिलाध्यक्षों के चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा। इसके लिए दिल्ली से लेकर लखनऊ की दौड़ भी शुरू हो गई है। नए चीफ को लेकर कई नाम सोशल मीडिया में छाए हुए हैं। माना जा रहा है कि मार्च महीने के पहले हफ्ते में यूपी बीजेपी अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो सकती है।
स्वतंत्रदेव सिंह का नाम चल रहा आगे
लोकसभा चुनाव में यूपी से उम्मीद के मुताबिक बीजेपी को कम सीटें मिलीं। ऐसे में अब बीजेपी नया प्रदेश अध्यक्ष घोषित करने में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है, क्योंकि इस नए प्रदेश अध्यक्ष के कार्यकाल में ही बीजेपी 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव होंगे। ऐसे में सभी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा करेगी। जानकार बताते हैं कि बीजेपी इस बार किसी ब्राह्मण चेहरे के दलित और पिछड़े वर्ग से आने वाले नेताओं पर भी दांव लगा सकती है। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी के नए चीफ के नाम की रेस में कुर्मी समाज से आने वाले स्वतंत्रदेव सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है। स्वतंत्र देव सिंह दोबारा अध्यक्ष बनने के लिए प्रयासरत हैं। इसके लिए उन्होंने दिल्ली से लेकर लखनऊ तक दौड़ लगाई है। इतना ही नहीं संघ के नेताओं से भी मुलाकात की है। यूपी में कुर्मी समाज के करीब 6 फीसदी से अधिक वोटर्स हैं, जो 40 से 50 सीट पर जीत-हार में अहम रोल निभाते आ रहे हैं।
इस नेता के नाम के भी चर्चे
2014 से लेकर 2022 के विधानसभा में कुर्मी वोटर्स बीजेपी के साथ रहा। यही कारण रहा कि बीजेपी दोआबा की सभी सीटों पर जीत दर्ज की। फतेहपुर की जहानाबाद विधानसभा सीट पर पहली बार कमल का फूल खिला। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में कुर्मी वोटर्स बीजेपी के बजाए बड़ी संख्या में सपा-कांग्रेस के पाले में चला गया। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी स्वतंत्रदेव सिंह के अलावा दूसरे कुर्मी समाज से आने वाले नेता को यूपी की कमान दे सकती है। कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को पार्टी प्रदेश की बागडोर दे सकती है। राकेश सचान सपा से सांसद और विधायक रहे हैं।
इनका नाम भी रेस में बरकरार
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए दलित चेहरे के रूप में राबर्ट्सगंज से पूर्व सांसद रामसकल के नाम पर भी मंथन किया जा रहा है। दरअसल, बीजेपी नेतृत्व जमीनी कार्यकर्ता को यूपी बीजेपी की कमान देना चाह रहा है. रामसकल आरएसएस के तहसील प्रचारक से लेकर बीजेपी के तीन बार सांसद और राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। वहीं दूसरे दलित चेहरे के रूप में पूर्व सांसद विद्यासागर सोनकर के नाम को लेकर भी चर्चा है। ओबीसी चेहरे के रूप में साध्वी निरंजन ज्योति का नाम रेस में है। हरीश द्विवेदी, बीएल वर्मा, दिनेश शर्मा, विजय बहादुर पाठक, और अमरपाल शर्मा समेत कई नामों पर भी चर्चा चल रही है।
तो ऐसा भी संभव
जानकार बताते हैं कि यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति से पहले योगी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। कई चेहरों को मंत्रीमंडल में जगह मिल सकती है। साथ ही कुछ मंत्रियों को हटाया भी जा सकता है। हटाए गए मंत्रियों को संगठन की जिम्मेदारी दी जा सकती है। जानकार बताते हैं कि हटाए गए मंत्रियों में से एक को यूपी की कमान दी सकती है। जानकार बताते हैं कि बीजेपी यूपी में डिप्टी सीएम भी बदल सकती है। जानकार बताते हैं कि बीजेपी अपने एक डिप्टी सीएम को राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बना सकती है। ऐसे में उनके स्थान पर पार्टी कुर्मी समाज से आने वाले नेता को डिप्टी सीएम बना सकती है। हालांकि ये भी लोगों के दावे हैं।
विनोद तावड़ कर चुके हैं यूपी का दौरा
बता दें, कुछ दिन पहले बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए पर्यवेक्षक बनाए गए विनोद तावड़े लखनऊ आए थे। तावड़े ने सीएम योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से उनके आवास पर अलग-अलग मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो तावड़े ने नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की थी। तावड़े की सीएम से करीब एक घंटे तक मुलाकात हुई। वहीं, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में उनसे मुलाकात की। तावड़े की प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल से भी अलग मुलाकात हुई थीं।
विनोद तावड़ ने की थी रायशुमारी
दरअसल प्रदेश में ही जल्द ही नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होनी है। इस पद के लिए तमाम नेताओं ने दावेदारी कर रखी है। ऐसे में पर्यवेक्षक के तौर पर तावड़े के यूपी दौरा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पार्टी स्तर पर 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से प्रदेश अध्यक्ष के लिए प्रभावी चेहरे को लेकर मंथन हो रहा है। विनोद तावड़े की सीएम व डिप्टी सीएम समेत अन्य नेताओं की मुलाकात को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि तावड़े ने इस मुलाकात में अध्यक्ष पद के संभावित कुछ चेहरों के नाम पर रायशुमारी भी की है।
पीयूष गोयल को बनाया गया है चुनाव अधिकारी
बता दें, पार्टी ने यूपी में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को चुनाव अधिकारी बनाया है। जिलाध्यक्षों के चुनाव के तत्काल बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है। इसलिए अब प्रदेश अध्यक्ष के संभावित नामों पर मंथन शुरू हो चुका है। जल्द ही पीयूष गोयल भी लखनऊ आएंगे और वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव पर चर्चा करेंगे। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की अगुवाई में ही नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन होना है। उन्हें इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। पीयूष गोयल की अगुवाई में ही बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए नामांकन प्रक्रिया सम्पन्न होनी है। चर्चा है कि नामांकन के अगले ही दिन यूपी बीजेपी के नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। मार्च के पहले सप्ताह में नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है।
यूपी विधानसभा चुनाव होने है ऐसे में
बीजेपी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत जैसी आक्रामकता और केशव प्रसाद मौर्य जैसी नेतृत्व क्षमता रखने वाले नेता को यूपी बीजेपी की कमान सौंपना चाहती है। जो पार्टी नेतृत्व और सरकार के साथ बेहतर तालमेल भी रखे और पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भी भरने का काम करें। बीजेपी ऐसा इसलिए भी करना चाहती है क्योंकि आने वाले सालों में यूपी विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी सीएम योगी के नेतृत्व में तीसरी बार यूपी की सत्ता पर काबिज होना चाहती है। वहीं बीजेपी को ये भी पता है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है। जब सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले राज्य न्च् में सबसे ज्यादा विधानसभा सीट जीतकर सरकार बनाएंगे, तभी 2029 लोकसभा चुनाव में भी पार्टी कमाल दिखा पाएगी।