UP construction material price: उत्तर प्रदेश में घर बनाने की योजना बना रहे लोगों के लिए यह खबर जरूरी है। जल्द ही राज्य के शहरों में मकान निर्माण पर नौ तरह के नए शुल्क लग सकते हैं। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग इन शुल्कों को महंगाई से जोड़ते हुए संशोधित करने की तैयारी में है। वर्षों से पुराने दरों पर ही शुल्क वसूले जा रहे हैं, जिससे अब इन्हें बदलने की जरूरत महसूस की जा रही है। विभाग ने इस संबंध में विभिन्न विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद से सुझाव मांगे हैं। साथ ही राजधानी लखनऊ में निर्माण सामग्री जैसे मौरंग, बालू और गिट्टी की कीमतों में अचानक वृद्धि हुई है, जिससे आम आदमी पर दोहरी मार पड़ने वाली है।
शुल्कों में होगा संशोधन, विकास अधिनियम में आएंगे बदलाव
UP आवास विभाग मौजूदा समय में भवन विकास एवं निर्माण उपविधियों के साथ नगर योजना एवं विकास अधिनियम में भी संशोधन की तैयारी कर रहा है। इसमें नए शुल्क जोड़ने और पुराने शुल्कों की दरें बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। विभाग की मंशा है कि इन शुल्कों को महंगाई से जोड़ा जाए ताकि वित्तीय रूप से स्थानीय विकास प्राधिकरणों को भी लाभ मिले। प्रस्तावित संशोधन से विकास शुल्क, प्रभाव शुल्क, निरीक्षण शुल्क, म्यूटेशन शुल्क, नगरीय उपयोग प्रभार, अंबार शुल्क, एफएआर शुल्क, शेल्टर शुल्क और नक्शा स्वीकृति शुल्क में वृद्धि तय मानी जा रही है।
निर्माण सामग्री हुई महंगी, लागत में भारी इजाफा
लखनऊ समेत कई शहरों में मौरंग, बालू और गिट्टी के दाम में अचानक बढ़ोतरी हुई है। मौरंग की कीमत 53 से बढ़कर 65 रुपये प्रति घन फीट, बालू 22 से बढ़कर 28 रुपये और गिट्टी 54 से 60 रुपये प्रति घन फीट हो गई है। सीमेंट की 50 किलो बोरी में भी 10 रुपये की वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि सरिया और ईंट के दाम स्थिर बने हुए हैं।
व्यापारियों की चेतावनी: बारिश से पहले और बढ़ेंगे दाम
UP सीमेंट व्यापार संघ के अध्यक्ष श्याममूर्ति गुप्ता ने बताया कि बारिश से पहले ही व्यापारी दाम बढ़ा रहे हैं। वहीं आदर्श व्यापार मंडल के सदस्य विशाल राजपूत ने चेताया कि आने वाले हफ्तों में निर्माण सामग्री की दरें और चढ़ सकती हैं। इससे साफ है कि आने वाले समय में घर बनवाना पहले से कहीं ज्यादा खर्चीला साबित होगा।