लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। रौबदार मूंछ और चेहरे पर हल्की मुस्कान। निडर योद्धा और जांबाज सुपरकॉप। जिनके नाम से बड़े से बड़ा अपराधी पैंट पर कर देता है पेशाब। इंसान और इंसनियत के लिए जान की भी नहीं करता परवाह। वर्दी के अंदर रहते हुए भी सबके लिए धड़कता है दिल। पर विलेन से करता है बेइंतहा नफरत। तभी तो देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी आईपीएस सिंघम पर हो गए फिदा और मूंछों की तुलना नत्तू लाल से कर दी। अब सीएम योगी के इस जांबाज आईपीएस की तिजोरी का बही खाता सामने आया है, जिसे जानकार आप भी हो जाएंगे हैरान। हां हम बात कर रहे हैं यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार के बारे में। जिन्होंने अपनी संपत्ति का ब्यूरो सार्वजनिक कर दिया है। डीजीपी के अलावा यूपी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने भी अपनी संपत्ति को जनता के सामने रखा है।
संपत्ति का ब्यौरा केंद्र सरकार को भेजा
बता दें, उत्तर प्रदेश के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की संपत्ति का ब्यौरा केंद्र सरकार को दिया गया है। इसमें सामने आया है कि कई अधिकारियों के पास करोड़ों की संपत्ति है। वहीं, कुछ ऐसे भी हैं जिनके पास अपना घर तक नहीं है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उत्तर प्रदेश डीजीपी प्रशांत कुमार से ज्यादा अमीर यहां के एसपी हैं। यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक, उनके पास केवल एक संपत्ति नोएडा में फ्लैट के रूप में है। इसे उन्होंने 2006 में 20 लाख रुपये में खरीदा था। यूपी की सबसे बड़ी कुर्सी पर बैठे आईपीएस प्रशांत कुमार के पास जिलों में तैनात पुलिस अधिकारियों से कम पैसा है। ऐसे में लोग इस जांबाज अफसर की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
भ्रष्टाचार को लेकर खासे सख्त
यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार के बारे में कहा जाता है कि वह आम इंसानों की तरह ही अपनी जिंदगी जीते हैं। रईसीवाले शौक उन्हें कभी नहीं भाए। जिस तरह से वह अपराधियों से नफरत करते हैं, उसी तरह भ्रष्टाचार को लेकर भी सख्त हैं। उनका साफ कहना है कि न खाऊंगा और न ही खाने दूंगा। प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद प्रशांत कुमार को यूपी की एडीजी लॉ एंड ऑर्डर बनाया गया। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने पुलिस के अंदर जड़ जमाए भ्रष्टाचार पर ठोस कदम उठाए। कई भ्रष्ट आईपीएस अफसरों को सलाखों के पीछे भिजवाया। यही प्रशांत कुमार हैं, जिन्होंने महोबा के एसपी पर मुकदमा दर्ज करवाया। आईपीएस फरार हुआ तो एक लाख का इनाम भी रख दिया।
1990 बैच के आईपीएस अफसर हैं प्रशांत कुमार
यूपी पुलिस के सबसे बड़े अधिकारी डीजीपी प्रशांत कुमार 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उनका जन्म बिहार के सीवान में हुआ था। आईपीएस प्रशांत कुमार की पढ़ाई लिखाई की बात करें तो वह पुलिस में आने से पहले एमबीए, एमएससी और एमफिल की डिग्री पूरी कर चुके हैं। आईपीएस कुमार ने एमएससी- एप्लाइड जियोलॉजी विषय में की है। जबकि उन्होंने एमबीए के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट को चुना। इसके अलावा डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज से उन्होंने एम फिल की है। रिपोर्ट्स के अनुसार डीजीपी को 2,05,400 सैलरी दी जाती है। इसके साथ ही उन्हें सरकारी आवास, गार्ड, सरकारी वाहन, कुक माली सहित अन्य कई सुविधाएं मिलती हैं।
तेज-तर्राक आईपीएस हैं प्रशांत कुमार
आईपीएस प्रशांनत कुमार को तीन बार पुलिस मेडल और 2020 और 2021 में वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आईपीएस प्रशांत कुमार को काफी तेज तर्रार अधिकारी माना जाता है। वह उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद और चहेते अफसरों में से भी एक हैं। आईपीएस अफसर प्रशांत कुमार का चयन तमिलनाडु कैडर में हुआ था। लेकिन उन्होंने साल 1994 में अपना ट्रांसफर यूपी कैडर में करवा लिया। आईपीएस प्रशांत कुमार को विशेष रूप से अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पहचाना जाता है। आईपीएस प्रशान्त कुमार के कारण आय यूपी अपराधी और माफिया मुक्त हुआ है। यूपी में निवेश बढ़ा है। अब रात को भी बेटियां घर से बिना खौफ के निकलती हैं।
कर चुके हैं 300 से ज्यादा एनकाउंटर
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि आईपीएस प्रशांत कुमार 300 से ज्यादा एनकाउंटर उनकी निगरानी में हुए हैं। प्रशांत कुमार ने कई गैंग के खात्मे का श्रेय दिया जाता है। मेरठ में ऑपरेशन क्लीन के तहत कुख्यात अपराधियों जैसे संजीव जीवा, कग्गा गैंग, मुकीम काला आदि का एनकाउंटर कर अपराध पर नियंत्रण किया। उन्हें रियल लाइफ सिंघम के नाम से भी जाना जाता है। जब विकास दुबे ने कानपुर में पुलिसवालों का नरसंहार किया, तब उन्होंने अपराधी के खात्मे की प्रतिज्ञा लीती थी। फिर क्या था महज कुछ दिन के अंदर विकास दुबे एंड बदमाश कंपनी का पुलिस ने द एंड कर दिया।
आईपीएस अमिताभ यश की संपत्ति
एडीजी, कानून व्यवस्था अमिताभ यश ने भी अपनी संपत्ति की जानकारी दी है। उनके पास कुल पांच संपत्ति है। बहार में पुश्तैनी घर और जमीन, लखनऊ में एक घर व दो जगह जमीन इनके व इनकी पत्नी रेनू सिंह के नाम है। रेनू भारतीय वन सेवा की अधिकारी हैं। आईपीएस अमिताभ यश को सीएम योगी का सबसे करीबी अफसर बताया जाता है। आईपीएस अमिताभ यश को यूपी का सुपरकॉप भी कहा जाता है। आईपीएस अमिताभ यश ने पाठा को डकैतों से मुक्त करवाया। ददुआ, ठोकिया, बलखड़िया से लेकर पाठा के आखिरी डकैत यादव को एनकाउंटर में ढेर कर बुंदेलखंड के लोगों का दिल जीता। इतना ही नहीं उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन की कमान इन्हीं के हाथों में थी। असद समेत अन्य शूटर्स का इन्हीं के नेतृत्व में काम तमाम हुआ।
1996 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं अमिताभ यश
1996 बैच के आईपीएस ऑफिसर अमिताभ यश बिहार के भोजपुर में पैदा हुए। पटना से अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली आ गए। दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन की और फिर आईआईटी कानपुर में उनका सेलेक्शन हो गया। देश के सबके टॉप इंस्टीट्यूट आईआईटी से पास आउट होने के बाद वह सिविल सेवा में आ गए। कानपुर में बिकरू कांड करने वाले कुख्यात अपराधी विकास दूबे का एनकाउंटर भी अमिताभ यश ने ही किया था। इसके अलावा ददुआ गैंग, निर्भय गुर्जर गैंग, ठोकिया समेत 150 से ज्यादा अपराधियों को उन्होंने अपनी गोली से मार गिराया है। अतीक अहमद के बेटे असद का एनकाउंटर भी उनके नेतृत्व में ही हुआ।