UP electricity hike: उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को जल्द एक बड़ा झटका लग सकता है। राज्य में बिजली की दरों में औसतन 30 फीसदी तक बढ़ोतरी की तैयारी चल रही है। पावर कॉरपोरेशन ने राज्य विद्युत नियामक आयोग (UPERC) को श्रेणीवार दरें बढ़ाने का प्रस्ताव सौंपा है। प्रस्ताव में शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं पर सबसे अधिक बोझ पड़ने की आशंका है। वहीं, बिजली कनेक्शन दरों में भी 25 से 30 फीसदी तक इजाफे की बात कही गई है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो आम जनता की जेब पर जबरदस्त असर पड़ेगा। दूसरी ओर, उपभोक्ता परिषद ने इस बढ़ोतरी पर आपत्ति जताई है और दरों को 4% तक कम करने का सुझाव भी दिया है।
शहरी-ग्रामीण उपभोक्ताओं पर सीधा असर
UP पावर कॉरपोरेशन ने आयोग को जो प्रस्ताव भेजा है, उसके मुताबिक शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 35 से 40 फीसदी और ग्रामीण उपभोक्ताओं की दरों में 40 से 45 फीसदी तक बढ़ोतरी की जा सकती है। वहीं कॉमर्शियल उपभोक्ताओं के लिए 20-25 फीसदी और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए 15-18 फीसदी की वृद्धि प्रस्तावित है। औसतन यह बढ़ोतरी 29 से 30 फीसदी तक पहुंच सकती है। साथ ही, नए कनेक्शन लेने की दरों में भी 25-30 फीसदी तक बढ़ोतरी की सिफारिश की गई है।
घाटे का हवाला, उपभोक्ताओं की आपत्ति
UP पावर कॉरपोरेशन ने 19,644 करोड़ रुपये का घाटा दिखाते हुए इस बढ़ोतरी की मांग की है। उनका कहना है कि यह घाटा कलेक्शन एफिशिएंसी के आधार पर आंका गया है। हालांकि, राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि कंपनियों के पास 33,122 करोड़ रुपये का सरप्लस है, फिर बढ़ोतरी की जरूरत कहां है? उन्होंने आयोग से अपील की है कि इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया जाए और दरों में 4% तक की कटौती की जाए।
निजीकरण पर भी मंथन तेज
UP बिजली दरों के अलावा प्रदेश सरकार निजीकरण की दिशा में भी कदम बढ़ा रही है। एनर्जी टास्क फोर्स ने पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के लिए नियामक आयोग से सलाह मांगी है। प्रस्ताव के अनुसार, इन क्षेत्रों की जगह पांच नई कंपनियां बनाई जाएंगी जिनमें 51 फीसदी हिस्सेदारी निजी कंपनियों की और 49 फीसदी राज्य सरकार की होगी। इस मुद्दे पर भी राज्यभर में विरोध की संभावना जताई जा रही है।
श्रेणीवार संभावित बढ़ोतरी (प्रस्तावित):
कैटेगरी | बढ़ोतरी (%) |
---|---|
शहरी घरेलू | 35-40% |
ग्रामीण घरेलू | 40-45% |
कॉमर्शियल | 20-25% |
उद्योग | 15-18% |
औसत | 29-30% |
UP में बिजली दरों में प्रस्तावित यह बढ़ोतरी यदि लागू होती है, तो इससे आम आदमी के मासिक बजट पर बड़ा असर पड़ेगा। आयोग की आगामी सुनवाई और सार्वजनिक आपत्तियों पर फैसला आने तक यह मसला पूरे प्रदेश में चर्चा का केंद्र बना रहेगा।