AK Sharma Supari: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सोमवार को एक चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि उनकी जान को खतरा है और उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। शर्मा ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारी उनकी छवि बिगाड़ने और उन्हें रास्ते से हटाने के लिए सुपारी दे चुके हैं। ये बयान ऐसे वक्त पर आया है जब वे लगातार बिजली विभाग में फैले भ्रष्टाचार और लापरवाही पर करारा प्रहार कर रहे हैं। उनका कहना है कि चाहे जो हो, वे डरने वाले नहीं हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुहिम जारी रहेगी। इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है।
कहां से उठी साजिश की आंच?
पिछले कई दिनों से एके शर्मा बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सख्त तेवर दिखा रहे हैं। उन्होंने कई बार समीक्षा बैठकों में अधिकारियों की खुलकर क्लास ली है और झूठी रिपोर्टिंग, भ्रष्टाचार और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती के मामलों पर नाराजगी जताई है। उन्होंने हाल ही में विजिलेंस टीमों पर भी आम जनता से धमकी देकर वसूली करने के गंभीर आरोप लगाए।
एक वायरल ऑडियो का जिक्र करते हुए उन्होंने बस्ती जिले के अधीक्षण अभियंता प्रशांत सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। ऑडियो में अधिकारी का अमर्यादित व्यवहार सामने आने के बाद उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा – “यही बात मैंने तीन दिन पहले UPPCL के चेयरमैन और MD से कही थी।”
मंत्री का सीधा आरोप, जनता से किया वादा
AK Sharma ने एक सार्वजनिक मंच से कहा,
“मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है, मेरे नाम की सुपारी निकाली गई है। मेरी छवि को खत्म करने और मुझे नुकसान पहुंचाने की योजना है। लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं।”
AK Sharma ने इस बयान के संकेत अपने ट्विटर हैंडल पर भी दिए, जहां उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों पर तंज कसते हुए कार्रवाई के संकेत दिए। हालांकि उन्होंने ये साफ नहीं किया कि सुपारी देने वाले कौन लोग हैं और उनके पास यह जानकारी कहां से आई।
विपक्ष का तंज – ट्रांसफॉर्मर उड़ गया है!
शर्मा के इस धमाकेदार बयान से यूपी की राजनीति गर्मा गई है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए तंज कसा,
“बिजली विभाग का ट्रांसफॉर्मर उड़ गया है, मंत्री-अधिकारी के तार टूट गए हैं और जनता का सरकार से भरोसा खत्म हो गया है।”
कांग्रेस और आप जैसे दलों ने भी इसे सरकार की अंदरूनी कलह बताया, जबकि बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि शर्मा ईमानदारी और निडरता की मिसाल हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई पूरी ताकत से जारी है।
कौन हैं एके शर्मा?
AK Sharma 1988 बैच के पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। मऊ जिले से आने वाले शर्मा ने दो दशक तक पीएम नरेंद्र मोदी के साथ काम किया और गुजरात में कई विकास परियोजनाओं का नेतृत्व किया। 2021 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर बीजेपी जॉइन की और वर्तमान में योगी सरकार में ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री हैं।
अब आगे क्या?
अब बड़ा सवाल यही है – क्या एके शर्मा के इस बयान के बाद राज्य सरकार कोई जांच कराएगी? क्या सुपारी कांड की परतें खुलेंगी?
बिजली विभाग में सुधार और भ्रष्टाचार के खिलाफ एके शर्मा की लड़ाई को जनता से तो समर्थन मिल रहा है, लेकिन यह बयान कहीं न कहीं योगी सरकार की आंतरिक स्थिति और विभागीय विफलताओं की ओर भी इशारा कर रहा है।
राजनीति के गलियारों में यह सवाल अब तैर रहा है – क्या शर्मा वाकई खतरे में हैं या यह एक रणनीतिक ‘पावर-प्ले’ है?