PM-Kisan Saturation Campaign Begins: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan) में हो रही गड़बड़ियों को लेकर केंद्र सरकार की सख्ती के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार भी एक्टिव हो गई है। केंद्र के निर्देशों के अनुसार राज्य में 31 मई तक एक खास ‘पीएम किसान संतृप्ति अभियान’ चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत कृषि और राजस्व विभाग की संयुक्त टीमें किसानों के घर-घर जाकर जानकारी इकट्ठा करेंगी और जांच करेंगी कि कौन-कौन किसान योजना के हकदार हैं और कौन नहीं।
आधार, बैंक और जमीन की होगी जांच
इस विशेष अभियान में हर रजिस्टर्ड किसान का आधार कार्ड, बैंक खाता (जो आधार से लिंक हो), ई-केवाईसी और भूमि संबंधी दस्तावेजों की मौके पर ही जांच की जाएगी। जिन किसानों की जानकारी गलत पाई जाएगी, उसे तुरंत सुधारा जाएगा ताकि आगे कोई परेशानी न हो।
मृत किसानों के उत्तराधिकारियों को मिलेगा हक
जो किसान अब इस दुनिया में नहीं हैं, उनके नाम योजना से हटाए जाएंगे। उनकी जगह उनके योग्य उत्तराधिकारियों (वारिसों) को योजना में जोड़ा जाएगा। इसका मकसद यह है कि योजना का पैसा सही लोगों तक पहुंचे और किसी मृत व्यक्ति के नाम पर लाभ न मिले।
अपात्र पाए जाने पर वसूली तय
अगर किसी किसान को जांच में अपात्र पाया गया तो उसे योजना से बाहर कर दिया जाएगा। साथ ही, अगर उसे पहले किसी किस्त का पैसा मिल चुका है तो वह पैसा भी वापस लिया जाएगा। सरकार साफ कर चुकी है कि योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं को मिलेगा जो इसके सही पात्र हैं।
लंबित मामलों का जल्द निपटारा
ऐसे किसान जिनके आवेदन पिछले 30 दिनों से ज्यादा समय से ओपन सोर्स पोर्टल पर लंबित हैं, उनके मामलों को तय मानकों के अनुसार निपटाया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि सभी पात्र किसानों को समय पर लाभ मिले और कोई भी योग्य किसान पीछे न रह जाए।
पारदर्शिता और किसानों का हक
यह अभियान पारदर्शिता की दिशा में एक अहम कदम है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि देश के अन्नदाता यानी किसान बिना किसी अड़चन के अपनी मेहनत का फल पा सकें। सही लोगों को सही लाभ देना ही इस अभियान की प्राथमिकता है।