UP housing scheme: उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद ने गाजीपुर, प्रतापगढ़ और मऊ में 6786 करोड़ रुपये की विशाल आवासीय योजना की सौगात दी है। यह योजना इन शहरों के नगर पालिका परिषद क्षेत्रों के आसपास विकसित की जाएगी। इस परियोजना के तहत जमीन अधिग्रहण, लैंड पुलिंग और आपसी समझौते के जरिए भूमि तैयार की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार, यह परियोजना न केवल स्थानीय निवासियों को घर मुहैया कराएगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बसे किसानों के लिए भी आर्थिक और सामाजिक प्रगति का अवसर लेकर आएगी। इस योजना से स्थानीय भूमि मालिकों को उनके खेतों का बेहतर मूल्य मिलेगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
किसानों और स्थानीय निवासियों के लिए बड़ी राहत
UP housing scheme का सबसे बड़ा लाभ उन किसानों को होगा, जिनकी जमीनें अधिग्रहित की जाएंगी। भूमि अधिग्रहण के दौरान, किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा, जिससे उन्हें वित्तीय मजबूती मिलेगी। मुआवजे के अलावा, लैंड पुलिंग मॉडल के तहत किसानों को उनकी जमीन का एक हिस्सा विकसित प्लॉट के रूप में वापस मिलेगा। इससे न केवल उनकी भूमि का मूल्य बढ़ेगा, बल्कि वे इसे बेचकर या अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कर आर्थिक उन्नति कर सकेंगे।
इसके अलावा, स्थानीय निवासियों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। निर्माण कार्य के दौरान मजदूरी से लेकर तकनीकी कार्यों में भागीदारी बढ़ेगी। खासतौर पर, मऊ, गाजीपुर और प्रतापगढ़ जैसे इलाकों में, जहां रोजगार के सीमित अवसर होते हैं, यह योजना नए द्वार खोलेगी।
गाजीपुर, प्रतापगढ़ और मऊ में योजनाओं का स्वरूप
गाजीपुर में यह योजना ग्राम अंधऊ और जमुनादेवा के 65 हेक्टेयर क्षेत्र में फैलेगी। 865 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जा रही इस योजना से स्थानीय बुनियादी ढांचे में बड़ा सुधार होगा। प्रतापगढ़ में कटरा रोड के आसपास 131.61 हेक्टेयर जमीन पर आवासीय प्लॉट तैयार किए जाएंगे, जिन पर 2140 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
मऊ में योजना का दायरा और बड़ा है, जहां ग्राम रेवरीडीह, मेघई, शहरोज, मुहम्मदपुर और डाड़ीखास के 200 हेक्टेयर भूमि पर 3781 करोड़ रुपये खर्च कर आवासीय क्षेत्र तैयार किया जाएगा। इन सभी योजनाओं में किसानों और स्थानीय निवासियों की भूमिका अहम होगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में विकास का नया युग
UP housing scheme का यह कदम केवल शहरों के विस्तार का माध्यम नहीं है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में सामाजिक और आर्थिक बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ी पहल है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना से न केवल क्षेत्र में आधुनिकता आएगी, बल्कि किसानों और स्थानीय समुदाय को मुख्यधारा में जोड़ने का कार्य भी होगा।
उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल विकास के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह योजना गाजीपुर, प्रतापगढ़ और मऊ के किसानों और निवासियों के लिए एक नया सवेरा लेकर आएगी। भूमि उपयोग की नई संभावनाओं और रोजगार के अवसरों के साथ, यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाएगी।