UP Longest Expressway : अब उत्तर प्रदेश राज्य में अब तक का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी भी शुरू हो चुकी है। इस परियोजना की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले, गोरखपुर से होगी। खास बात यह है कि यह एक्सप्रेसवे(UP Longest Expressway) गोरखपुर से हरियाणा के औद्योगिक शहर पानीपत तक जुड़ेगा। इसके बनने के बाद गोरखपुर से हरिद्वार की यात्रा मात्र 8 घंटों में पूरी की जा सकेगी।
यह एक्सप्रेसवे न केवल राज्य के 22 जिलों को जोड़कर लाभ पहुंचाएगा, बल्कि नेपाल सीमा से सटे यूपी के दो प्रमुख जिलों को भी इस परियोजना से फायदा होगा। इसके अलावा, यह पूर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा से जोड़ने का महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा।
750 किलोमीटर लंबा होगा एक्सप्रेसवे
गोरखपुर से पानीपत तक बनने वाले इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 750 किलोमीटर होगी। यह एक्सप्रेसवे सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, और शामली के रास्ते पानीपत तक पहुंचेगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस मार्ग का सर्वेक्षण भी शुरू कर दिया है, ताकि पूर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिमी और हरियाणा के औद्योगिक क्षेत्रों से जोड़ने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ सके।
हरिद्वार पहुंचना होगा आसान
पहले इस एक्सप्रेसवे की योजना गोरखपुर से शामली तक बनाने की थी, जिसके लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) भी तैयार कर भेजी गई थी। अब इस परियोजना को विस्तार देने का निर्णय लिया गया है, जिसके तहत इसे पानीपत तक बढ़ाया जाएगा। इससे न केवल यूपी, बल्कि दिल्ली और हरियाणा तक की कनेक्टिविटी भी बेहतर और निर्बाध हो जाएगी।
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प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे
इस एक्सप्रेसवे को उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे माना जा रहा है। वर्तमान में यूपी का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे है, जिसकी लंबाई 550 किलोमीटर है और इसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इसे अगले साल जनवरी में लगने वाले महाकुंभ से पहले पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि, गोरखपुर से पानीपत तक बनने वाला नया एक्सप्रेसवे इससे 200 किलोमीटर लंबा होगा, जो इसे प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे बनाएगा।
सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे से होगा जुड़ाव
परियोजना निदेशक ललित कुमार पाल के अनुसार, इस एक्सप्रेसवे को यूपी के अन्य लिंक एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा। इसे गोरखपुर शहर के दक्षिण छोर से होकर निकाला जाएगा, जिससे इसे सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे से जोड़ा जा सकेगा। इससे भविष्य में पानीपत से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक सड़क मार्ग से यात्रा करना और भी आसान हो जाएगा।