लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद योगी आदित्यनाथ की सरकार पर सबसे अधिक सवाल खड़े हुए। विपक्ष ने योगी सरकार पर सवाल दागे। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ-साथ युवक भी सड़क पर उतरे। तब सरकार ने परीक्षा को रद्द किया और आईपीएस राजीव कृष्ण को पुलिस भर्ती बोर्ड का अध्यक्ष बनाया। बतौर यूपी पुलिस भर्ती अध्यक्ष रहते हुए राजीव कृष्णा ने एशिया की सबसे बड़ी पुलिस परीक्षा कराकर इतिहास रचा था। न तो पेपर इधर से उधर हो गया। न ही एग्जाम सेंटरों पर मुन्नाभाई नजर आए। जांबाज सुपरकॉप ने ऐसा बंदोबस्त किया कि अभ्यर्थी भी मुस्कराए और आईपीएस राजीव कृष्णा को थैंक्यू बोला। अब यही हाईटेक आईपीएस यूपी पुलिस के अगले डीजीपी बना दिए गए हैं, जो सूबे से अपराध-अपराधियों का काम तमाम करेंगे।
कौन हैं आईपीएस राजीव कृष्णा
राजीव कृष्ण यूपी की राजधानी लखनऊ के रहने वाले हैं। उनका जन्म 20 जून 1969 को हुआ था। उन्होंने बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन की पढ़ाई की। इसके बाद यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुए। यूपीएससी की ओर से 1991 में उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा पास की। आईपीएस के रूप में उनका सेलेक्शन हुआ। 1993 में आईपीएस कंफर्मेशन के बाद उनका सीनियर स्केल में प्रमोशन 10 अक्टूबर 1995 को हुआ। सेलेक्शन ग्रेड में 9 अगस्त 2005 को उनका प्रमोशन हुआ। 7 अगस्त 2007 को वे डीआईजी पोस्ट पर प्रमोट किए गए। वहीं, 9 नवंबर 2010 को आईजी के रूप में उनका प्रमोशन हुआ। राजीव एक जनवरी 2016 को एडीजी बनाए गए। इसके बाद उन्हें डीजी पोस्ट पर प्रमोट किया गया था। आईपीएस राजीव कृष्णा की हाईटेक अफसरों में की जाती है। राजीव कृष्णा सीएम योगी आदित्यनाथ के भी करीबी बताए जाते हैं।
राजीव कृष्ण ने प्रभावी कार्रवाई की
आईपीएस राजीव कृष्णा को अपने करियर में उन्हें दो बार पुलिस का वीरता पदक मिल चुका है, साथ ही राष्ट्रपति पदक और राज्य स्तर के कई अन्य पदकों से भी सम्मानित किया गया है। उन्हें तेजतर्रार और अनुभवशील अफसर के रूप में जाना जाता है, और फील्ड में उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है। राजीव कृष्णा की चर्चा आगरा में वर्ष 2004 में बतौर एसएसपी तैनाती को लेकर खूब होती है। आगरा एसएसपी के तौर पर उन्होंने अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया था। बीहड़ में सक्रिय अपहरण गिरोहों के खिलाफ राजीव कृष्ण ने प्रभावी कार्रवाई की थी। एडीजी आगरा से ही वे डीजी विजिलेंस पर पिछले साल तैनात किए गए थे। उन्हें हाईटेक पुलिसिंग के लिए जाना जाता है।
अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाया
एडीजी रहते हुए आईपीएस राजीव कृष्णा को ने आपरेशन पहचान एप के माध्यम से अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाया। महिला बीट, एंटी रोमियो स्क्वाड की ऑनलाइन मॉनिटरिंग का सिस्टम को भी इस साफ्टवेयर में रखा। ई-मालखाने से मुकदमों का ऑनलाइन रिकॉर्ड तक उनके अलग सोच का परिणाम रही है। साइबर अपराध के क्षेत्र में भी राजीव कृष्ण ने बड़ा अभियान चलाया। उनके स्तर पर पुलिस को प्रशिक्षित करने से लेकर लोगों को भी जागरूकता का अभियान चलाया। अब सीएम योगी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे दी है। यूपी पुलिस भर्ती के पेपर कराए जानें के बाद अब उन्हें यूपी पुलिस को ठीक तरह से चलाने का काप सौंपा गया है। अब राजीव कृष्ण अपने आधुनिक पुलिसिंग के एक्सपीरियंस को यहां प्रयोग में ला सकेंगे। राजीव कृष्णा का बतौर आईपीएस करीब चार साल का कार्यकाल शेष बचा है।