उत्तर प्रदेश: यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के एग्जाम शनिवार को खत्म हो गये है. लेकिन इस साल 10वीं और 12वीं की सेफ परीक्षाएं कराने के मामले में यूपी बोर्ड ने नया इतिहास रच दिया है. यूपी बोर्ड की हाईटेक सिस्टम के सामने नकल माफिया नतमस्तक सामने आये. दरअसल पिछले कई सालों में प्रश्नपत्रों के गलत तरीके से खुलने की कई घटनाएं होती रही हैं. लेकिन इस बार ऐसी कोई भी घटना सामने नहीं आई.
इस बार एक जगह भी ऐसा नहीं हुआ. कहीं से भी पेपर लीक होने की सूचना नहीं मिली. क्योंकि बोर्ड के प्रश्नपत्र की पुख्ता व्यवस्था के कारण ऐसा हुआ है. ऐसे में री-एग्जामिनेशन परीक्षा भी कहीं नहीं हो पा रही है. 133 मॉक परीक्षार्थी पकड़े भी गए हैं. उन सभी को जेल भी भेजा जा चुका है. यूपी बोर्ड के लिए इस बार ये खबर बहुत अच्छी है. बोर्ड की परीक्षा शनिवार को इंटर केमिस्ट्री और सोशियोलॉजी के पेपर के साथ समाप्त हुई.
माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के सचिव दिब्यकांत शुक्ला ने बताया की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की एग्जाम में कुल 58,85,745 परीक्षार्थी शामिल हुए थे. इस बार परीक्षा को लेकर यूपी बोर्ड की नई रणनीति सफल रही है. इससे नकल माफियाओं के मंसूबे कामयाब नहीं हो सके. परीक्षा के अंत तक कुल 133 नकल माफिया पकड़े गए. बोर्ड की अपर सचिव विभा मिश्रा ने कहा कि इस बार प्रश्नपत्रों को चार लेयर वाले मजबूत बॉड रखा गया था.
30 साल बाद अब पहली बार कहीं नहीं लीक हुआ कोई पेपर
उन्होने आगे बताया की इसका नतीजा यह रहा कि इसका प्रश्नपत्र का लिफाफा भी कहीं से नहीं खुला. इससे बोर्ड दोबारा परीक्षा के झंझट से बच गया और राजस्व का नुकसान नहीं हुआ. साथ ही बोर्ड ने इसकी शिकायत तक नहीं की. इसके अलावा स्ट्रांगरूम की लगातार चेकिंग, क्षेत्रीय कार्यालय के अपर सचिवों की सतर्कता और जिला शिक्षा अधिकारियों की सक्रियता के कारण परीक्षा इतने अच्छे ढंग से संपन्न हो सकी.