लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। यूपी पुलिस का ऑपरेशन क्लीन जारी है। इसी कड़ी में पुलिस ने मेरठ जनपद में 50 हजार के इनामी बदमाश नईम को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। बदमाश ने अपने ही परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी थी। वारदात के बाद से आरोपी फरार था। बदमाश की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें ऑपरेशन चलाए हुए थीं। मेरठ से पहले यूपी एसटीएफ ने शामली में ’गैंग्स ऑफ कैराना’ के गब्बर सिंह उर्फ अशरद और उसके तीन साथियों को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था।
बदमाश नईम एनकाउंटर में ढेर
पुलिस को सूचना मिली थी मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना के समर गार्डन क्षेत्र में 50 हजार के इनामिया बदमाश नईम छिपा हुआ है। पुलिस ने घेराबंदी की, लेकिन नईम ने भागने की कोशिश में पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए उस पर फायरिंग की, जिसमें नईम घायल हो गया। घायल होने की वजह से नईम को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने नईम के पास से एक हथियार और कुछ अन्य सामान बरामद किया है। पुलिस ने आरोपी के परिवारवालों को एनकाउंटर की सूचना देने के साथ ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज जांच शुरू कर दी है।
आरोपी ने 5 लोगों की थी हत्या
नईम ने सुहेल गार्डन में एक घर में पांच लोगों का मर्डर किया गया था। नईम ने सौतेले भाई, भाभी, उसकी 1 साल की बेटी समेत 3 बच्चियों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इसके बाद वह उनके घर में ताला लगा कर फरार हो गया। पुलिस ने बताया कि उन्हें 9 जनवरी को एक घर से बदबू आने की सूचना मिली थी। घर में जांच के दौरान एक दंपति और उनकी तीन बच्चियों के शव बरामद हुए। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था, जिसमें हत्या की पुष्टि हुई थी। पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू की तो नईम का नाम मुख्य आरोपी के तौर पर आया था।
आरोपी पर दर्ज थे कई मुकदमे
नईम ने अपनी पहचान छिपाने के लिए बार-बार भेष बदला और महाराष्ट्र तथा दिल्ली समेत कई जगहों पर घूमता रहा। उसके खिलाफ इन राज्यों में भी आपराधिक मामले दर्ज थे। एसएसपी विपिन ताड़ा ने बताया कि नईम एक शातिर अपराधी था और हत्या के इस जघन्य मामले से फरार था। ऐसे में उसकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती थी। इस एनकाउंटर के बाद पीड़ित परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद है।
शामली में मारे गए थे चार बदमाश
शामली जनपद में सोमवार देर रात 2 बजे यूपी एसटीएफ ने मुखबिर की सूचना पर कार से जा रहे चार बदमाशों को घेर लिया। लेकिन बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में एसटीएफ ने भी फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में एक लाख का इनामिया अरशद समेत चार बदमाश मारे गए। एनकाउंटर के दौरान यूपी एसटीएफ के इंस्पेक्ठर भी गोली लगने से शहीद हो गए थे। कुख्यात कग्गा गैंग के सरगना अरशद की तूती दिल्ली, यूपी, हरियाणा और उत्तराखंड पर बोलती थी। अरशद इस समय पश्चिम यूपी के कुख्यात कग्गा गैंग को ऑपरेट कर रहा था और यूपी पुलिस ने शातिर पर एक लाख का इनाम रखा हुआ था।
दिनदहाड़े हत्या कर दी जाती थी
कग्गा गैंग की दहशत फिल्म शोले के गब्बर जैसी रही है। शाम होते ही थानों में ताले लगा दिए जाते थे। पुलिस वालों की हत्या कर थाने से हथियार लूटना, सरेआम गाड़ियों को हाइजैक कर लूट लेना। ये कग्गा गैंग का खौफ फैलाने का पैटर्न था। अपहरण, हत्या और फिरौती को कग्गा गैंग ने इंडस्ट्री के रूप में डेवलप कर लिया था। इनकी बात न मानने वालों की दिनदहाड़े हत्या कर दी जाती थी।मुस्तफा उर्फ कग्गा, सहारनपुर के बाढ़ी माजरा का रहने वाला था। कग्गा की कई राज्यों में इस कदर दहशत थी कि उसके खौफ से शाम होते ही थानों में ताले लग जाते थे। पुलिस कर्मी चले जाते थे।
कारोबारी, नेता दहशत में आ जाते थे
गैंग थानों के सामने ही गाड़ी लगाकर तमंचे के बल पर हथियार लूट लेता था। उसके टारगेट पर हमेशा पुलिस रहती थी।तत्कालीन सरकार ने कग्गा के खात्में के लिए एसटीएफ को लगाया। आखिरकार कग्गा 2011 में एनकाउंटर के दौरान मारा गया। कग्गा के एनकाउंटर के बाद मुकीम काला ने गैंग की कमान अपने हाथों में ली और अरशद की भी गैंग में एंट्री हुई। मुकीम काला ने कग्गा से ही जरायम दुनिया का ककहरा सीखा था। कग्गा के बाद मुकीम काला वेस्ट यूपी के अपराध जगत का बड़ा नाम था। मुकीम काला का नाम सुनकर शामली, कैराना, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, पानीपत, सोनीपत और देहरादून के कारोबारी, नेता दहशत में आ जाते थे।
अरशद ने पूरा गैंग संभाला
मुकीम पुलिस पर गोली चलाने से पहले कुछ नहीं सोचता था। मुकीम के अपने गैंग का नाम बदल कर ’गैंग्स ऑफ कैराना’ रख लिया। मुकीम काला वेस्ट यूपी का खतरनाक गैंग बन गया। गैंग में 17 शॉर्प शूटर थे। अरशद इस गैंग का सबसे शॉर्प शूटर था। जिसका निशाना अचूक था। कुछ माह के बाद पुलिस मुकीम काला को अरेस्ट कर लेती है। उसे चित्रकूट जेल में रखा जाता है। 4 मई, 2021 में मुकीम की चित्रकूट जेल में हत्या हो जाती है। मुकीम की मौत के बाद अरशद ने पूरा गैंग संभाला। इसके बाद करीब 20 से 25 लूट, हत्या और गैंगस्टर की वारदातों को अंजाम दिया। उसने हरियाणा, दिल्ली, वेस्ट यूपी के कई और लोगों को गैंग में जोड़ना शुरू किया। इसके बाद अपने हिसाब से पूरा नेटवर्क ऑपरेट कर रहा था।