UP Politics: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नए जिलाध्यक्षों की घोषणा 3 मार्च तक हो सकती है। प्रदेश संगठन ने 98 में से 80 जिलों के लिए नाम तय कर केंद्रीय नेतृत्व को पैनल भेज दिया है। 29 जिलाध्यक्षों को हटाए जाने की संभावना है जो दो कार्यकाल पूरे कर चुके हैं या जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। यह संख्या 35 तक भी जा सकती है।
BJP नेतृत्व करेगा अंतिम निर्णय
प्रदेश नेतृत्व द्वारा भेजी गई सूची पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष अंतिम निर्णय लेंगे। पहले चरण में 70 से 80 जिलों के जिलाध्यक्षों की नियुक्ति होगी। नए जिलाध्यक्षों में ओबीसी वर्ग की भागीदारी सबसे अधिक होगी। वर्तमान में 36 जिलाध्यक्ष इस वर्ग से हैं नई सूची में यह संख्या 30 से अधिक हो सकती है।
करप्शन और विरोध झेल रहे नेता होंगे बाहर
भ्रष्टाचार और विरोध झेल (UP Politics) रहे कई जिलाध्यक्षों को हटाने का निर्णय लिया गया है। इनमें अंबेडकरनगर के त्रयंबक तिवारी, रायबरेली के बुद्धिलाल पासी, लखनऊ के विनय प्रताप सिंह और फतेहपुर के मुखलाल पाल प्रमुख नाम हैं।
- त्रयंबक तिवारी: कार्यकर्ताओं के साथ व्यवहार को लेकर शिकायतें।
- बुद्धिलाल पासी: 60 वर्ष की उम्र पार, कार्यक्षमता को लेकर सवाल।
- विनय प्रताप सिंह: प्लॉट लेन-देन विवाद में फंसे।
- मुखलाल पाल: पद दिलाने के नाम पर 50 लाख रुपये वसूली का आरोप।
महिला और अनुसूचित जाति वर्ग को बढ़ावा
नए जिलाध्यक्षों में (UP Politics) अनुसूचित जाति और महिलाओं की संख्या बढ़ेगी। वर्तमान में 4 महिला और 4 अनुसूचित जाति के जिलाध्यक्ष हैं। यह संख्या 15 से 20 तक हो सकती है। प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद प्रदेश पदाधिकारियों की नई टीम बनेगी जिसमें 3 से 6 महीने का समय लग सकता है।
- सभी 6 संगठनात्मक क्षेत्रों में नए क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाए जाएंगे।
- भाजयुमो, ओबीसी मोर्चा, एससी मोर्चा, किसान मोर्चा और महिला मोर्चा के नए प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होंगे।
- सभी अग्रिम प्रकोष्ठ और विभागों की भी नई टीम गठित होगी।
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जातीय समीकरण और चुनावी रणनीति
BJP आगामी पंचायत चुनाव 2026 और विधानसभा चुनाव 2027 को (UP Politics) ध्यान में रखते हुए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति कर रही है। हर जाति को उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा। प्रदेश से लेकर मंडल स्तर तक की कार्यकारिणी और अग्रिम मोर्चों में 25 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं को संगठन में स्थान मिलेगा। यह पूरी प्रक्रिया 2025 के अंत तक पूरी हो सकती है।