UP OPS Return: उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक राहत भरा फैसला लिया है। अब उन कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) में लौटने का मौका मिलेगा, जिनकी नौकरी का विज्ञापन 28 मार्च 2005 से पहले जारी हुआ था, लेकिन नियुक्ति बाद में हुई। करीब 2000 ऐसे कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। ये सभी 30 नवंबर 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। लंबे समय से कर्मचारी संगठनों की ओर से OPS की बहाली की मांग हो रही थी, जिसे आखिरकार सरकार ने मान लिया है। इस निर्णय से सेवानिवृत्त जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इसके साथ ही, सरकारी कर्मचारियों को भवन निर्माण लोन की सीमा भी तीन गुना से अधिक बढ़ा दी गई है।
पुरानी पेंशन योजना में वापसी का रास्ता साफ
UP कैबिनेट की हालिया बैठक में एक बड़ा निर्णय लिया गया है। इसमें राज्य सरकार ने 2000 से अधिक ऐसे कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना में लौटने की अनुमति दी है, जिनकी नियुक्तियों से संबंधित विज्ञापन 28 मार्च 2005 से पहले प्रकाशित हुए थे। हालांकि एनपीएस लागू होने के कारण इन्हें पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिल पाया था। अब सरकार ने इन कर्मचारियों को 30 नवंबर 2025 तक आवेदन देने का मौका दिया है। सरकार जल्द ही दिशा-निर्देश और आवेदन प्रक्रिया से जुड़ी अधिसूचना जारी करेगी।
कर्मचारियों में उत्साह की लहर
UP राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद समेत कई संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है। परिषद के नेता हरि किशोर तिवारी ने कहा कि सरकार का यह फैसला न केवल संवेदनशीलता का परिचायक है, बल्कि कर्मचारियों के भविष्य को भी सुरक्षित करेगा। OPS की तुलना में NPS को कम सुरक्षित माना जाता रहा है, क्योंकि NPS पूरी तरह बाजार आधारित है। अब तकनीकी कारणों से ओपीएस से वंचित रह गए कर्मचारी भी लाभ ले सकेंगे।
भवन निर्माण लोन की सीमा बढ़ी
UP कैबिनेट बैठक में एक अन्य अहम फैसला राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों को आर्थिक सहायता देने से जुड़ा रहा। भवन की मरम्मत या निर्माण के लिए मिलने वाली अग्रिम राशि को 7 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है। साथ ही, इस पर ब्याज दर को बाजार दर से लिंक कर दिया गया है, जिससे कर्मचारी अब 7–8% ब्याज पर यह लोन प्राप्त कर सकेंगे। यह निर्णय राज्य के लाखों कर्मचारियों के लिए राहतभरा साबित होगा।
सरकार का संवेदनशील रुख
इस फैसले से सरकार ने यह संदेश दिया है कि वह अपने कर्मचारियों की मांगों और भविष्य की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। यह निर्णय केवल पेंशन के मोर्चे पर राहत नहीं देगा, बल्कि वित्तीय स्थिरता, लोन की आसान उपलब्धता और सेवानिवृत्ति के बाद की चिंता को भी कम करेगा। लंबे समय से चली आ रही OPS बहाली की मांग को लेकर यह पहला बड़ा कदम माना जा रहा है।