UP Transfer Policy 2025:उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सरकारी अफसरों और कर्मचारियों के लिए नई तबादला नीति लागू कर दी है। यह नीति वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए तय की गई है, जिसमें कई अहम बदलाव किए गए हैं। इस बार ट्रांसफर की प्रक्रिया को समयबद्ध और पारदर्शी बनाने की कोशिश की गई है।
सरकार की ओर से तय किया गया है कि सभी तबादले 15 जून 2025 तक पूरे कर लिए जाएंगे, ताकि प्रशासनिक कार्यों में किसी तरह की रुकावट न आए।
एक ही जिले या मंडल में लंबे समय से तैनात अधिकारियों को हटाया जाएगानई ट्रांसफर पॉलिसी के मुताबिक, समूह ‘क’ और ‘ख’ के वे अधिकारी जो किसी एक जिले में 3 साल से ज्यादा और 23 साल तक काम कर चुके हैं, उन्हें अब वहां से हटाया जाएगा। वहीं जो कर्मचारी एक ही मंडल में 7 साल से ज्यादा समय से तैनात हैं, उन्हें किसी अन्य मंडल में भेजा जाएगा। इसी तरह मंडलीय कार्यालयों में तैनात कर्मियों को तीन साल बाद अनिवार्य रूप से बदला जाएगा।
ट्रांसफर की सीमा तय
सरकार ने यह भी साफ किया है कि हर ग्रुप में तय सीमा से अधिक ट्रांसफर नहीं होंगे।
ग्रुप ‘क’ और ‘ख’ में अधिकतम 20% कर्मचारियों के तबादले किए जाएंगे।
वहीं ग्रुप ‘ग’ और ‘प’ में यह संख्या 10% से अधिक नहीं होगी।
13 मई 2022 के शासनादेश का पालन जरूरी
ग्रुप ‘ग’ के ट्रांसफर के लिए 13 मई 2022 को जारी शासनादेश का पालन अनिवार्य किया गया है। वहीं ग्रुप ‘ख’ और ‘ग’ के कर्मचारियों के तबादले ऑनलाइन मेरिट आधारित प्रणाली से होंगे, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
खास जरूरत वाले कर्मचारियों को मिलेगी राहत
सरकार ने उन कर्मचारियों का भी ख्याल रखा है जिनके बच्चे दिव्यांग हैं। ऐसे माता-पिता को वहां तैनाती दी जाएगी, जहां चिकित्सा और देखभाल की उचित सुविधा उपलब्ध हो। इसके अलावा राज्य के 34 जिलों के 100 आकांक्षी विकासखंडों में अधिकारियों की संतुलित तैनाती सुनिश्चित की जाएगी।
सीएम की मंजूरी जरूरी
समूह ‘क’ और ‘ख’ के अधिकारियों का तबादला तभी किया जाएगा जब विभागीय मंत्री की सिफारिश पर मुख्यमंत्री की मंजूरी मिल जाएगी। इसका मकसद है कि उच्च स्तर पर भी नियंत्रण और संतुलन बना रहे।