UP Weather Alert: जानिए ठंड के मौसम में क्यों बरस रहे मेघ, ‘सावधान’ यूपी में पड़ेंगे ओले, गिरेगी बिजली और होगी बरसात

UP Weather News: उत्तर प्रदेश में मौसम में आया बदलाव, रूक-रूक कर जारी है बारिश, नोएडा में गिरे आले, अब ठंड बढ़ने लगी है, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट।

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क।UP Weather Today जनाब’ मौसम हर साल, हर माह और हर दिन अपना मिजाज बदला रहा है। नवंबर में गर्मी ने 123 साल का रिकार्ड तोड़ा तो दिसंबर का आधा माह गर्म में गुजरा। फिर एकाएक मौसम मेहरबान हुआ। आमसान में बादल मंडराए और बूंदाबांदी के बीच ठंड ने दस्तक दी। फिर क्या था 2024 की रवानगी से ठीक नहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अलावा सूबे के अन्य जिलों शुक्रवार और शनिवार को हुई बारिश के बीच मौसम विभाग ने एक बार फिर से ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी कर दिया गया। बारिश के साथ ओलाववृष्ठि होने के कारण कई इलाकों पर ठंड भी बढ गई है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में दल्ली-एनसीआर के अलावा पश्चिमी यूपी में भारी बारिश की संभावना व्यक्त की है।

43 से अधिक जिलों यलो अलर्ट

उत्तर प्रदेश में मौसम ने करवट ली है। सूबे के कई जिलों में शुक्रवार और शनिवार को बारिश हुई। कई इलाकों में ओले गिरे। जिसके कारण किसानों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। तेज हवाएं चलने से ठंड भी कड़ाके की पड रही है। मौसम विभाग ने 29 दिसंबर को राज्य के 43 से अधिक जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में बारिश, ओले गिरने और वज्रपात की संभावना जताई गई है। इसके अलावा, पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाकों में घने कोहरे और तेज़ ठंड का भी असर देखने को मिल सकता है। वहीं नोएडा में सीजन में पहली बार बारिश के साथ ओले गिरे हैं। इतनी ओलावृष्टि हुई कि सड़कों पर सफेद चादर बिछ गई। मुजफ्फरनगर में लगातार हो रही बारिश से बुढ़ाना क्षेत्र के गांव जौला में रात के समय एक कच्चे घर की छत गिर गई। मलबे में दबने से मकान मालिक तसव्वर और एक मवेशी की मौत हो गई।

सतर्क रहने की सलाह

मौसम विभाग ने यलो अलर्ट के दौरान लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। विशेष रूप से वाहन चालकों को सुबह के समय कोहरे के कारण धीमी गति से गाड़ी चलाने और सड़क पर अतिरिक्त सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है। मौसम विभाग के मुताबिक,
29 और 30 दिसंबर के बाद, बारिश और ओले गिरने का असर खत्म होने के साथ ही उत्तर प्रदेश में ठंड बढ़ने का अनुमान है। न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी, जिससे शीतलहर का प्रभाव बढ़ सकता है। 31 दिसंबर और एक जनवरी को बारिश होने की अनुमान नहीं है। लेकिन 30 दिसंबर के बाद राज्य में तापमान में गिरावट दर्ज होने की संभावना है। इस वजह से कड़ाके की ठंड पड़ सकती है।

दिसंबर में दिखा उतार-चढ़ाव

दिसंबर का महीना इस साल यूपी में काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। तापमान में बार-बार बदलाव देखने को मिला है। नवंबर में तो गर्मी ने पूराने सारे रिकार्ड तोड़ दिए। दीपावली के बाद भी घरों के एसी, पंखे और कूलर चले। कुछ ऐसा ही हाल दिसंबर भी दिखा, लेकिन अब हालात दल गए। कभी शीतलहर ने ठिठुरन बढ़ाई तो कभी दिन के समय हल्की गर्मी का एहसास हुआ। आने वाले दिनों में मौसम फिर से ठंडा और शुष्क होने की संभावना है, जिससे शीतलहर का प्रभाव और बढ़ सकता है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान दें और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से बचने के लिए पहले से तैयारी करें।

क्यों ठंड में हो रही बारिश

सर्दी में बारिश की वजह है पश्चिम विक्षोभ यानी वेस्टर्न डिस्टर्बेंस. अब इसे आसान भाषा में समझ लेते हैं। दरअसल, भूमध्य सागरीय क्षेत्र में एक लो प्रेशर वाला तूफान उठता है। इसकी हवाएं उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ती हैं और वायुमंडल के साथ मिलकर ऐसी स्थिति बनाती हैं जो बारिश और बर्फबारी की वजह बनती हैं। कोहरा बढ़ता है। कोहरा और बर्फबारी तो होती है, लेकिन हर साल बारिश हो यह जरूरी नहीं है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (आईआईटीएम) पुणे के मौसम वैज्ञानिकों ने इस पर रिसर्च की है। रिसर्च कहती है, पिछले कुछ सालों में देश पश्चिमी विक्षोभ का असर बढ़ा है। इसका असर जैसे-जैसे बढ़ेगा, बारिश होगी. कोहरा पड़ेगा। इसलिए ठंड भी बढ़ेगी।

ठंड का अहसास और ज्यादा बढ़ता

सर्दी की बारिश का असर तापमान पर सीधा पड़ता है। हिमालयी क्षेत्रों से आने वाली ठंडी हवा मैदानी इलाके में तापमान और गिराती हैं। इस तरह तापमान गिरने से ठंड बढ़ती है। आमतौर पर ठंड में मौसम में सूखापन होता है, लेकिन बारिश के बाद इसमें नमी की मात्रा बढ़ती है। इससे ठंड का अहसास और ज्यादा बढ़ता है। यही वजह है कि ऐसे मौसम में और भी ज्यादा अलर्ट रहने की सलाह दी जाती है। वहीं बारिश से सीधा फायदा रबी की फसलों को होता है। बारिश प्रदूषण के लिए भी फायदेमंद है। बारिश हैवी पार्टिकल्स को नीचे लाती और हवा की क्वालिटी में सुधार होता है। बारिश नदियों के पानी के स्तर को बढ़ाने का काम काम करती है। बारिश हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर के लिए पानी की कमी को भी पूरा करती है।

यूपी के इन जिलों यलो अलर्ट

राज्य के बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फ़तेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बाराबंकी, अयोध्या, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल और आसपास के इलाकों में येलो अलर्ट जारी है।

 

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