Uttar Pradesh forest fire reduction strategy : उत्तर प्रदेश में जंगलों में आग लगने की घटनाएं अब पहले जैसी आम बात नहीं रहीं। बीते चार वर्षों में प्रदेश ने इस दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है।
जहां साल 2020-21 में जंगलों में आग लगने के करीब 10,275 मामले सामने आए थे, वहीं 2024-25 (14 अप्रैल तक) यह संख्या घटकर सिर्फ 2,597 रह गई है। यानी कुल मिलाकर करीब 74% की गिरावट दर्ज की गई है, जो कि एक बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
आग पर नियंत्रण की बड़ी रणनीति
लखनऊ में स्थित वन विभाग के मुख्यालय में एक खास फायर कंट्रोल सेल बनाया गया है। इस सेल में तीन शिफ्टों में कर्मचारी तैनात रहते हैं, जो चौबीसों घंटे सतर्क रहते हैं। भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) और आम लोगों से मिल रही सूचनाओं पर यह टीम तुरंत प्रतिक्रिया देती है।
fireकंट्रोल सेल के नोडल अधिकारी पी.पी. सिंह के मुताबिक, टीम हर एक घटना पर नजर बनाए रखती है और आग की सूचना मिलते ही फील्ड स्टाफ को अलर्ट किया जाता है। इसी मुस्तैदी की वजह से जंगलों में लगने वाली आग पर समय रहते काबू पाया जा रहा है।
फायर हेल्पलाइन नंबर भी हुए जारी
अगर किसी को जंगल में आग लगती नजर आती है तो वह सीधे फायर कंट्रोल रूम को फोन कर सकता है।
इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 0522-2977310 और नोडल अधिकारी का नंबर 9452162054 जारी किया गया है। इसके अलावा, हर जिले में भी लोकल नंबर उपलब्ध कराए गए हैं ताकि स्थानीय लोग तुरंत जानकारी दे सकें।
आग पर समय से काबू पाने में बढ़ी सफलता
बीते तीन सालों में आग पर 24 घंटे के अंदर काबू पाने की दर में भी बढ़ोतरी हुई है:
वर्ष 2022: 55.78%
वर्ष 2023: 74.99%
वर्ष 2024: 80.08%
ये आंकड़े बताते हैं कि सरकार और वन विभाग जंगलों की सुरक्षा को लेकर अब काफी सजग हो गए हैं। अब छोटी से छोटी सूचना पर भी तेजी से कार्रवाई हो रही है।