Uttar Pradesh: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हिंदू संतों की गिरफ्तारी की घटनाओं को लेकर भारत में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों (Uttar Pradesh) ने इस पर चिंता जताई है और केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने बांग्लादेशी हिंदुओं के समर्थन में बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है।
प्रतापगढ़ की भदरी रियासत के राजा और कुंडा के विधायक राजा भैया ने अपनी पार्टी को निर्देश दिया है कि वे बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ दिल्ली स्थित बांग्लादेश दूतावास के बाहर विशाल धरना-प्रदर्शन करें।
बांग्लादेश दूतावास के बाहर करेंगे प्रदर्शन
राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक (Uttar Pradesh) ने इस प्रदर्शन के लिए तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के हजारों कार्यकर्ता और नेता उत्तर प्रदेश से दिल्ली की ओर रवाना हो चुके हैं। इस प्रदर्शन में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बृजेश राजावत और चर्चित एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह भी हिस्सा लेंगे। पार्टी का उद्देश्य बांग्लादेशी हिंदुओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाना है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करना है।
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राजा भैया ने एक्स पर क्या ट्वीट किया
हाल ही में राजा भैया ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि बांग्लादेश की कट्टरपंथी सरकार हिंदुओं पर अत्याचार की सभी हदें पार कर चुकी है। वहां हिंदुओं को चुन-चुनकर मारा जा रहा है उनके घरों और दुकानों को निशाना बनाया जा रहा है। हिंदुओं की आवाज़ उठाने वाले स्वामी चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को भी गिरफ्तार कर लिया गया है और इसके बावजूद वैश्विक शक्तियां चुप हैं क्योंकि यह अत्याचार हिंदुओं पर हो रहा है।
सनातन पदयात्रा में राजा भैया ने दिया नया नारा
राजा भैया ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री से अपील करते हुए कहा कि वे इस मामले का संज्ञान लें। उन्होंने जोर देकर कहा कि बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा के लिए पूरे विश्व के हिंदुओं को एकजुट होना होगा। राजा भैया ने हाल ही में बागेश्वर बाबा धीरेन्द्र शास्त्री की सनातन पदयात्रा में भाग लेते हुए एक नया नारा दिया, “जुड़ोगे तभी बचोगे” इस अवसर पर उन्होंने सनातन समाज को सशक्त और एकजुट करने का संकल्प भी व्यक्त किया।