Waqf Bill 2025: केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए वक्फ संशोधन विधेयक 2025 ने देशभर में राजनीतिक और सामाजिक उबाल ला दिया है। लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद मुस्लिम समाज में व्यापक असंतोष देखने को मिल रहा है। कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई, कर्नाटक और अहमदाबाद में हजारों मुसलमान सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारी इसे “मुस्लिम विरोधी साजिश” बता रहे हैं, वहीं विपक्ष ने इसे संविधान विरोधी करार दिया है। शुक्रवार को कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने इस Waqf Bill 2025 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने सरकार के इस कदम का समर्थन करते हुए इसे “मुस्लिम हितैषी” बताया, जिससे मुस्लिम समाज के भीतर गहरी फूट भी सामने आ रही है।
#WaqfAmendmentBill | Vested interests fuel protests in West Bengal’s Kolkata against the Waqf Amendment Bill, 2025, which seeks to protect poor & Pasmanda Muslims from Waqf Board exploitation.
HM Amit Shah and Minority Affairs Minister Kiren Rijiju have already stated that the… pic.twitter.com/VXaVBjLvxp
— Ashwini Shrivastava (@AshwiniSahaya) April 4, 2025
सड़कों पर उबाल, सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी
Waqf Bill 2025 के विरोध में कोलकाता के पार्क सर्कस में सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग इकट्ठा हुए और “हमारा हक वापस दो” जैसे नारे लगाए। प्रदर्शन के कारण क्षेत्र में यातायात जाम हो गया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बिल को लेकर भाजपा पर करारा हमला बोला और कहा कि “यह एक सोची-समझी साजिश है मुसलमानों को उनकी जमीनी हक़ से वंचित करने की।”
वहीं दिल्ली के जामिया नगर में स्थिति तनावपूर्ण रही और पुलिस को फ्लैग मार्च करना पड़ा। कई संगठनों ने ऐलान किया है कि जब तक सरकार बिल वापस नहीं लेती, उनका विरोध जारी रहेगा।
कर्नाटक से हैदराबाद तक विरोध की आग
कर्नाटक, अहमदाबाद और हैदराबाद में मुस्लिम संगठनों और छात्रों ने प्रदर्शन किए और केंद्र सरकार से वक्फ संशोधन बिल को रद्द करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि यह कानून वक्फ संपत्तियों को खत्म करने की एक चाल है, जो अल्पसंख्यकों के सामाजिक, धार्मिक और शैक्षणिक विकास में बाधा बनेगा।
विपक्षी दलों ने भी संसद में इस विधेयक का विरोध किया और इसे “संविधान की आत्मा के खिलाफ” बताया। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, AIMIM और अन्य विपक्षी पार्टियों ने मिलकर सरकार को घेरने की कोशिश की है।
सपोर्ट और विरोध में बंटा मुस्लिम समाज
इस विवाद के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने चौंकाने वाला बयान देते हुए सरकार का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “यह बिल मुसलमानों के हित में है। इसमें पारदर्शिता लाई गई है और यह वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा करेगा।” उन्होंने मुस्लिम समाज से अपील की कि “बेवजह सड़कों पर उतरना गलत है।”
हालांकि, कई अन्य संगठनों ने इसे “सरकार के तलवे चाटने” जैसा बयान बताया और मुस्लिम जमात से दूरी बना ली।
बिल कैसे हुआ पास?
बुधवार रात लोकसभा में यह बिल पास हुआ, जिसमें 288 सांसदों ने समर्थन और 232 ने विरोध किया। इसके अगले दिन राज्यसभा में यह बिल 128 के मुकाबले 95 मतों से पास हो गया। सरकार का कहना है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए लाया गया है।
मगर मुस्लिम समाज का बड़ा वर्ग इसे एक धार्मिक अधिकारों पर हमला मान रहा है – और यह विवाद फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा।