Uttar Pradesh: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे कई शैक्षिक योजनाओं की शुरुआत,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 मई को राजधानी स्थित लोकभवन में एक विशेष समारोह में भाग लेंगे, जहां वे बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़ी कई अहम योजनाओं की शुरुआत करेंगे। ये योजनाएं प्रदेश के लाखों बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही हैं। इस अवसर पर न सिर्फ नई योजनाओं की शुरुआत होगी, बल्कि पहले से चल रही योजनाओं को भी एक नई ऊर्जा मिलेगी।
छात्रों को सीधे खाते में मिलेगा
कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना की शुरुआत करेंगे। इस योजना के अंतर्गत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ड्रेस, जूते, मोजे, स्टेशनरी और स्कूल बैग खरीदने के लिए आवश्यक धनराशि सीधे उनके या उनके अभिभावकों के बैंक खातों में भेजी जाएगी। इससे बच्चों को समय पर जरूरी सामान मिल सकेगा और भ्रष्टाचार की संभावना भी कम होगी।
राज्य में बनेंगे नए स्कूल और सुधरेंगी सुविधाएं
मुख्यमंत्री 38 कंपोजिट मॉडल स्कूल और 67 अभ्युदय कंपोजिट स्कूलों का शिलान्यास करेंगे। ये स्कूल प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बनाए जाएंगे और यहां आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, 139 उच्चीकृत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में नए भवन बनकर तैयार हो गए हैं, जिनका लोकार्पण भी मुख्यमंत्री करेंगे। इन नए भवनों से बालिकाओं को बेहतर, सुरक्षित और सुविधा युक्त माहौल मिलेगा, जिससे उनकी पढ़ाई में रुचि और परिणाम दोनों बेहतर होंगे।
तकनीकी शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
शिक्षा को तकनीक से जोड़ने के लिए राज्य सरकार 5258 सरकारी स्कूलों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) लैब की स्थापना करने जा रही है। इन लैब्स की मदद से छात्र कंप्यूटर और डिजिटल संसाधनों के माध्यम से पढ़ाई कर सकेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (PM-SHRI) योजना के तहत चुने गए 503 स्कूलों में डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत भी की जाएगी। इन लाइब्रेरीज़ में बच्चों को ई-बुक्स, ऑडियो-बुक्स और अन्य डिजिटल संसाधनों की सुविधा मिलेगी, जिससे वे पढ़ाई को और दिलचस्प और उपयोगी बना सकेंगे।
कड़ी निगरानी और जिम्मेदारियों का बंटवारा
कार्यक्रम की सफलतापूर्वक संचालन के लिए बेसिक शिक्षा परिषद और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी लगातार बैठकों के माध्यम से तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। अलग-अलग अधिकारियों को विशेष जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं ताकि हर व्यवस्था सुव्यवस्थित और समय पर पूरी हो सके।