मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कैंप ऑफिस में नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॅारिटी के अधिकारियों ने मुलाकात की. जिसमे जोशीमठ भूधंसाव से होने उत्पन्न स्थिति के बाद राहत और बचाव कार्यों के संबंध में चर्चा की. टीम ने भौगोलिक परिस्थिति और भूधंसाव के कारणों की जांच के साथ आपदा राहत में केंद्री मदद का भरोसा भी दिया.
सीएम धामी ने की हाई लेवल मीटिंग
उत्तराखंड के जोशीमठ से बडी खबर सामने आ रही है। जहां मुख्यमंत्री धामी ने एनडीएमए के अधिकारियों एंव सदस्यों से भूंधसाव क्षेत्र की भूगर्भीय और अन्य जरुरी जांच में सभी संबंधित संस्थानों के समन्वय के साथ कार्य योजना में सहयोग की अपेक्षा की. इस मौके पर गृह मंत्रालय सचिव डी.एस गंगवार संयुक्त सचिव एक के जिंदल, एनडीएमए के सदस्य कमल किशोर, और राजेन्द्र सिंह के साथ अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आपदा प्रबंधन सचिव डॅा. रंजीत सिन्हा और अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
सभी संबंधित संस्थानों के वैज्ञानिकों का सक्रिय सहयोग
बता दें कि एनडीएमए सदस्यों ने अपने सुझाव में कहा कि भूधंसाव क्षेत्र में पानी कहां रुका हुआ है, भूधंसाव के कारण क्या है, इसका पता लगाया जाना जरुरी है.इसके लिए सभी संबंधित संस्थानों के वैज्ञानिकों का सक्रिय सहयोग लिया जाएगा. जिससे जो भी समस्याएं हो उनका समाधान हो सके. इसके साथ ही आपदा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए चयनित स्थलों का भी भूगर्भीय सर्वेक्षण पर ध्यान दिया जा सके..
भूधंसाव को लेकर उच्च अधिकारियों की बैठक
मुख्य सचिव डॅा. एस.एस संधू ने कहा कि जोशमठ में हो रहे भूंधसाव को देखते हुए एक-एक मिनट बहुत महत्वपूर्ण है. जहां पर भूंधसाव हो रहा है वहां के लोगों को तुरंत किसी सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कियी जाना चाहिए. मुख्य सचिव डॅा. एस.एस संधू ने जोशीमठ भूधंसाव को लेकर सचिवालय में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर यह निर्देश दिए की लोगों को जल्द-जल्द सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए और जहां पर उन्हें शिफ्ट किया जा रहा है वहां पर पीने के पानी और उचित व्यवस्था कराई जाए. बिजली लाइनों से प्रभावित क्षेत्र में जान का खतरा ना हो इसके लिए लगातार क्षेत्र पर नजर बनाए रखते हुए उच्चाधिकारियों को भी क्षेत्र में बने रहने के निर्देश दिए हैं.
4000 रुपए महिने की सहायता मिलेगी-धामी
मुख्य सचिव एस एस संधू ने कहा कि जिला प्रशासन ने असुरक्षित 200 से ज्यादा घरों पर लाल निशान लगा दिया है. उसने इन घरों में रहने वाले लोगों को या तो अस्थायी केंद्रों में जाने या किराए के घरों में स्थानांतरित होने के लिए कहा है. और इसके लिए हर परिवार को अगले 6 महिने तक राज्य सरकार कि तरफ से 4000 रुपए महिने की सहायता मिलेगी.
38 परिवारों को किराए के घरों में शिफ्ट किया गया
जोशीमठ में 16 जगहों पर प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी राहत केंद्र बनाए गए हैं. इसके अलावा जोशीमठ में 19 होटल, गेस्ट हाउस और स्कुलों को शहर से बाहर पीपलकोठी में 20 ऐसे घरों को प्रभावित लोगों के लिए चुन लिया गया है.आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव रंजीत सिन्हा ने इस संबंध में जानकारी दी की जोशीमठ में अब तक 603 घरों को चुन लिया गया है.जिनमें दरारें पाई गई है.इनमें से 68 परिवारों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है. और 38 परिवारों को किराए के घरों में शिफ्ट किया गया है.और इनको राज्य सरकार के मानकों के अनुसार किराया दिया जाएगा. आपदा अधिनियम की धारा 33 और 34 के तहत लोगों को पुनर्वास किया जाएगा.