मौसम की मार: सीईसी राजीव कुमार की हेलीकॉप्टर इमरजेंसी लैंडिंग, रालम गांव में फंसे

देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार को खराब मौसम के कारण रालम गांव में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। चुनावी प्रबंधन की स्टडी के लिए यात्रा पर निकले सीईसी सुरक्षित हैं, लेकिन प्रशासन की रेस्क्यू टीमें खराब मौसम के चलते अभी तक नहीं पहुंच पाई हैं।

CEC Rajeev Kumar

CEC Rajeev Kumar:  बुधवार को एक अनजानी स्थिति में देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार को मौसम की मार झेलनी पड़ी। वे चुनावी प्रबंधन की स्टडी के लिए उत्तराखंड के पिथोरागढ़ जिले के मिलम ग्लेशियर के दौरे पर निकले थे, लेकिन खराब मौसम के कारण उनका हेलीकॉप्टर रालम गांव में इमरजेंसी लैंडिंग करने पर मजबूर हो गया।

सूत्रों के अनुसार, CEC Rajeev Kumar का हेलीकॉप्टर दोपहर 1 बजे उड़ा था, लेकिन एक घंटे के अंदर ही यह चॉपर बादल और खराब दृश्यता के कारण रालम गांव में लैंडिंग करने पर मजबूर हो गया। पिथोरागढ़ के जिला मजिस्ट्रेट विनोद गिरीश गोस्वामी ने बताया कि हेलीकॉप्टर ने स्थानीय हेलिपैड पर सुरक्षित लैंडिंग की, लेकिन मौसम की स्थिति इतनी खराब थी कि सीईसी को वहां फंसना पड़ा।

रालम गांव, जो कि मुनस्यारी से 42 किलोमीटर की दूरी पर है, जनसंख्या के मामले में वीरान है। यहां ना तो कोई निवासी है और ना ही स्वास्थ्य सुविधाएं। ऐसे में सीईसी के लिए यह स्थिति चिंता का विषय बन गई। प्रशासन ने तुरंत रेस्क्यू टीमों को भेजने का आदेश दिया, लेकिन सड़क संपर्क के अभाव में ये टीमें कठिन ट्रेकिंग करके ही पहुंच सकेंगी।

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CEC Rajeev Kumar फिलहाल रालम गांव में फंसे हुए हैं और बर्फीली पहाड़ियों के बीच ठंड से बचने के लिए लकड़ी जलाकर अपने लिए गर्मी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। उनके पास एकमात्र सैटेलाइट फोन है, लेकिन इसकी बैटरी किसी भी समय खत्म हो सकती है, जिससे संचार बाधित हो सकता है।

जिला प्रशासन ने रेस्क्यू के लिए लिलम, पातो और मिलम से तीन अलग-अलग टीमें भेजी हैं, जो रात 10 बजे तक पहुंचने की उम्मीद कर रही हैं। हालांकि, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वे समय पर पहुंच पाएंगी, क्योंकि इन्हें ट्रेकिंग के माध्यम से जाना होगा।

सीईसी कुमार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। ग्रामीणों की अनुपस्थिति और खराब मौसम ने स्थिति को और भी कठिन बना दिया है।

अधिकारियों का कहना है कि मौसम में सुधार की उम्मीद है, और सभी की नजरें अब कल की सुबह पर हैं। क्या सीईसी राजीव कुमार अगले दिन सुरक्षित निकल पाएंगे? यह सवाल सभी के मन में घूम रहा है, और हर किसी को इस दुर्बल स्थिति का हल निकलने की आशा है।

राजनीतिक हलचल और चुनावी तैयारियों के बीच, सीईसी का यह अनुभव एक महत्वपूर्ण सीख हो सकता है, जिससे भविष्य में बेहतर योजनाएं बनाई जा सकेंगी।

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