भारत के मोस्ट वांटेड डॉन दाउद उर्फ शेख दाउद इब्राहिम कास्कर से जुड़ी D कम्पनी को लेकर इंटेलिजेंस ब्यूरो, एनआईए डीआरआई, कस्टम,मिलिट्री इंटेलिजेंस, स्टेट इंटेलिजेंस समेत सभी जाँच एजेन्सियों की इंटेलिजेंस शेयरिंग मीटिंग ने एक बड़ा खुलासा किया है। जानकारी के मुताबिक, देश भर में चोरी किए गए मोबाइल फोन की IMEI नम्बर बदलने के बाद बांग्लादेश के रास्ते पाकिस्तान पहुंचे फोन से D कम्पनी का सिंडिकेट ऑपरेट होता है।
एजंसियों ने भी बताया कि देशभर में चोरी होनेवाले स्मार्ट फोन को मुंबई में बैठे D-कम्पनी के टेक्नो एक्सपर्ट्स उनके IMEI नम्बर मैनुप्लेट करते है और चोरी किए गए 40 से 50 मोबाइल नम्बरों के IMEI नम्बर को एक ही करके उन्हें बांग्लादेश पार्सल किया जाता है। बांग्लादेश के रास्ते ये मोबाइल फोन पाकिस्तान पहुँचते है और फिर वहाँ से D कम्पनी इन मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए एक्सटॉर्शन, नार्को टेररिजम, टेरर फ़ंडिंग, टेरर ऑपरेशन और आर्म्स डिलिंग जैसे धंधों को चलाते हैं और जाँच एजंसियों की नजर तक में नहीं आते।
स्टेट इंटेलिजेंस ने जब इस पर समाधान मांगा तो उन्हें बताया गया कि इस टेक्नोलॉजी और सिंडिकेट का तोड़ जाँच एजेन्सियों तक के पास नहीं है। इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट के मुताबिक वो फिलहाल इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाले सदिग्ध शख्स, लैपटॉप और इस टेक्नोलॉजी का पता लगाने में जुटे हुए हैं। ATS के मुताबिक जिस तरह की मोड्स ऑपरेंडी का जिक्र जाँच एजंसियां कर रही है वैसा ही एक केस आज से डेढ़ साल पहले सामने भी आया था। मुम्बई के पायधुनी इलाके में एक शख्स जर्मनी से लाए गए एक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहा था। जिसकी जानकारी सभी जाँच एजेंसियों को साझा करने के निर्देश दिए गए है। वहीं, इंटेलिजेंस शेयरिंग मीटिंग के मिनिट्स में क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया कि वो पिछले कुछ दिनों से क्राइम ब्रांच, एनआईए के साथ D कम्पनी पर सिकंजा कसने के लिए चल रहे ऑपरेशन में शामिल है।