नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। जम्मू-कश्मीर की पुलिस का ऑपरेशन जयचंद जारी है। मेरठ के आतंकी के बाद अब कश्मीर की पुलिस ने बहुत बड़े आतंकी साजिश का पर्दाफाश किया है। दो दिन पहले गिरफ्तार किए गए डॉक्टर आदिल अहमद की निशानदेही पर पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद से 300 किलोग्राम विस्फोटक (अमोनियम नाइट्रेट), 2 एके-47 राइफल और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया है।
कौन है आदिल अहमद
गिरफ्तार आदिल अहमद राठर अनंतनाग का निवासी है। आदिल कश्मीर से भागकर सहारनपुर आ गया था। यहां के अंबाला रोड स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में मेडिसिन विशेषज्ञ के रूप में तैनात था। राठर ने पिछले महीने सहारनपुर की एक महिला डॉक्टर से निकाह किया था। कुछ दिन पहले श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाए जाने से शहर में तनाव फैल गया था। इस मामले में पुलिस ने 28 अक्टूबर को अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। घटना के बाद लोकल इंटेलिजेंस यूनिट और पुलिस प्रशासन सतर्क हो गए हैं।
आरडीएक्स के बारे में दी जानकारी
इसी के बाद 8 नवंबर को श्रीनगर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकारी मेडिकल कॉलेज अनंतनाग के पूर्व डॉक्टर आदिल अहमद के लॉकर से एके-47 राइफल बरामद की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कड़ी पूछताछ शुरू की थी। बताया जा रहा है कि सहारनपुर के कई निजी अस्पतालों में काम करने वाले जम्मू-कश्मीर के लोग अब सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में हैं, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को समय रहते रोका जा सके। आदिल ने पूछताछ के बाद आरडीएक्स के बारे में जानकारी दी थी।
केस को एनआईए के हवाले
अधिकारियों के अनुसार, डॉक्टर ने अपने लिए अलग कमरा किराये पर लिया था, जहां हथियारों और विस्फोटक सामग्री को छिपाया गया था। यह बरामदगी अंसार गजवत-उल-हिंद नामक आतंकी संगठन से जुड़े मामले की जांच का हिस्सा है। जांच में पता चला है कि इस संगठन से तीन डॉक्टर जुड़े हुए थे। इनमें से दो डॉक्टरों आदिल अहमद राठर (अनंतनाग निवासी) और मुजम्मिल शकील (पुलवामा निवासी) को सहारनपुर और फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया है, जबकि तीसरे डॉक्टर की तलाश अभी जारी है।अब इस केस को एनआईए के हवाले किया जा सकता है।
आतंकी हमले में इस्तेमाल
आदिल के बताए ठिकानें से पुलिस की टीम ने फरीदाबाद में छापेमारी की, जहां से करीब 300 किलो विस्फोटक (अमोनियम नाइट्रेट), 2 एके-47 राइफल, और कई राउंड जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि यह विस्फोटक सामग्री किसी बड़े आतंकी हमले में इस्तेमाल की जा सकती थी। जांच में पता चला है कि आरोपी डॉक्टर का संबंध पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों से था और वह लंबे समय से आतंकी गतिविधियों के लिए मददगार के रूप में काम कर रहा था। पुलिस का मानना है कि इस पूरे नेटवर्क में कई राज्यों के लोग शामिल हैं और आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां संभव हैं।
और इनका अंतिम टारगेट क्या था
सुरक्षा एजेंसियां अब इस बात की जांच कर रही हैं कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक (अमोनियम नाइट्रेट), हरियाणा तक कैसे पहुंचा और इनका अंतिम टारगेट क्या था। अधिकारियों के अनुसार, यह घाटी से हाल के वर्षों में बरामद सबसे बड़ी मात्रा में विस्फोटक है और इसकी जांच अभी भी जारी है। जानकारी के अनुसार, आदिल अहमद अनंतनाग में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के पद पर कार्यरत था, लेकिन उसके लॉकर से एक एके-47 राइफल बरामद होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों को उसके आतंकी संगठन जैश से संबंध होने का शक और गहरा गया था। सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर आदिल अहमद ने पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे।
