Women’s World Cup 2025 : दीप्ति शर्मा ने बनाए 200 से ज्यादा रन, 52 साल बाद ऑलराउंडर ने टीम को चौंकाकर ऐसे बनाया विश्व चैंपियन…

दीप्ति शर्मा ने आईसीसी महिला विश्व कप 2025 में इतिहास रच दिया। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 200 से अधिक रन बनाए और 15 विकेट लिए, यह उपलब्धि पिछले 52 वर्षों में किसी अन्य खिलाड़ी ने हासिल नहीं की है।

Women’s World Cup 2025 : नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल मुकाबले में इतिहास रच दिया गया। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार वर्ल्ड कप जीतकर देश का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया, और इस ऐतिहासिक जीत की असली नायिका बनीं दीप्ति शर्मा। अपनी घातक गेंदबाजी से उन्होंने साउथ अफ्रीका की पूरी टीम को ध्वस्त कर दिया। दीप्ति ने फाइनल में सिर्फ 39 रन देकर 5 विकेट झटके और भारत को चैंपियन बना दिया। इस शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें “प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट” के खिताब से सम्मानित किया गया।

पूरे टूर्नामेंट में दिखाया ऑलराउंड दम

वर्ल्ड कप 2025 में दीप्ति शर्मा का प्रदर्शन हर मुकाबले में टीम की रीढ़ साबित हुआ। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 200 से अधिक रन बनाए और 15 विकेट भी झटके। महिला वनडे वर्ल्ड कप के 52 साल के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि किसी खिलाड़ी ने ऐसा ऑलराउंड प्रदर्शन दिखाया हो।

बचपन में भाई के साथ क्रिकेट देखने गई दीप्ति शर्मा के एक थ्रो ने बनाया  क्रिकेटर | Asianet News Hindi

दीप्ति ने टूर्नामेंट में नंबर 5 या उससे नीचे बल्लेबाजी करते हुए तीन बार अर्धशतक जमाए — यह उपलब्धि उनसे पहले सिर्फ हरमनप्रीत कौर (2022) और एश्ले गार्डनर (2025) के नाम थी।

दरअसल, ये जीत सिर्फ एक जीत नहीं थी, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों के दिलों में बसी उम्मीदों का परवाज़ था, फाइनल मैच में दीप्ति शर्मा ने बैट और गेंद दोनों से अहम योगदान दिया। उन्होंने पहले 58 रन की पारी खेली। वहीं, गेंदबाजी करते हुए उन्होंने अपना पंजा खोला। इस तरह स्टार महिला ऑलराउंडर ने भारत को विश्व कप जिताने में काफी योगदान किया। बता दें कि दीप्ति ने विश्व कप फाइनल में पांच विकेट लेने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया।

कौन हैं भारतीय टीम की जाबाज़ दीप्ति शर्मा ? 

24 अगस्त 1997 को जन्मी दीप्ति शर्मा भारतीय महिला क्रिकेट की सबसे भरोसेमंद और प्रतिभाशाली ऑलराउंडर्स में से एक हैं। वह उत्तर प्रदेश, यूपी वॉरियर्स, लंदन स्पिरिट और भारतीय राष्ट्रीय टीम की ओर से खेलती हैं। बाएं हाथ से बल्लेबाजी करने और दाएं हाथ से ऑफ-स्पिन गेंदबाजी करने वाली दीप्ति मैदान पर अपनी शांत लेकिन असरदार मौजूदगी के लिए जानी जाती हैं।

बचपन में मैदान जाने की करती थी ज़िद

दीप्ति का जन्म सुशीला शर्मा और भगवान शर्मा के घर हुआ था। उनके पिता भारतीय रेलवे में कार्यरत थे और अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। परिवार में सबसे छोटी संतान होने के बावजूद दीप्ति ने बचपन से ही बड़ा सपना देखना शुरू कर दिया था। सिर्फ 9 साल की उम्र में उन्होंने क्रिकेट के प्रति गहरी रुचि दिखानी शुरू की। वह अक्सर अपने पिता से गुज़ारिश करतीं कि उन्हें अपने बड़े भाई सुमित शर्मा के साथ मैदान पर जाने दें। सुमित, जो उत्तर प्रदेश के पूर्व तेज गेंदबाज रहे हैं, ने ही दीप्ति को क्रिकेट की शुरुआती कोचिंग दी।

जब एक थ्रो ने बदल दी ज़िंदगी

दीप्ति के क्रिकेट सफर की शुरुआत एक संयोग से हुई जिसने उनके जीवन की दिशा तय कर दी। आगरा के एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में नेट अभ्यास सत्र के दौरान, जहां उनके भाई सुमित अपने साथियों के साथ प्रैक्टिस कर रहे थे, दीप्ति को मैदान में पड़ी गेंद उठाकर वापस फेंकने को कहा गया। दीप्ति ने लगभग 50 मीटर की दूरी से सीधा थ्रो मारा और गेंद सीधे स्टंप्स से टकराई। यह नज़ारा वहां मौजूद हर किसी को हैरान कर गया। उसी वक्त भारत की महिला क्रिकेट टीम की तत्कालीन चयनकर्ता हेमलता काला ने दीप्ति की प्रतिभा को पहचान लिया।

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बस वहीं से शुरू हुआ वह सफर, जिसने उन्हें भारतीय क्रिकेट की सबसे चमकदार सितारों में शामिल कर दिया। आज दीप्ति शर्मा न केवल भारत की महिला टीम की मजबूत स्तंभ हैं, बल्कि उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से यह साबित कर दिया है कि छोटे शहर की एक लड़की भी अपने हौसले और लगन से विश्व क्रिकेट के सबसे बड़े मंच पर इतिहास रच सकती है।

फाइनल में पलट दी मैच की बाज़ी

फाइनल मुकाबले में जब साउथ अफ्रीका मजबूत स्थिति में दिख रही थी, तभी दीप्ति ने अपनी तेज और सटीक गेंदबाजी से मैच का पूरा रुख बदल दिया। हर महत्वपूर्ण मोड़ पर उन्होंने विकेट निकालकर विरोधी टीम की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। उनके शानदार 9.3 ओवर के स्पेल में 5 विकेट टीम इंडिया की जीत की नींव बन गए।

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दीप्ति का करियर नई ऊँचाइयों पर

साल 2014 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाली दीप्ति शर्मा अब भारतीय महिला क्रिकेट की सबसे भरोसेमंद ऑलराउंडर बन चुकी हैं। अब तक खेले गए 121 वनडे मैचों में उन्होंने 2739 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं गेंद से उन्होंने 157 विकेट अपने नाम किए हैं, जिनमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 6 विकेट पर 20 रन का रहा है। दीप्ति के इस यादगार प्रदर्शन ने न केवल भारत को उसका पहला महिला वनडे विश्व कप दिलाया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि भारतीय महिला क्रिकेट अब दुनिया की किसी भी टीम को टक्कर देने में पूरी तरह सक्षम है।

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