शुक्रवार 24 मार्च नवरात्रि का तृतीय दिवस मां चंद्रघंटा को समर्पित होता है। मां चंद्रघंटा के माथे पर अर्ध चंद्रमा का आकार चिन्हित होता इस कारण मां को चंद्रघंटा नाम से जाना जाता है। इनकी पूजा करने से भक्त को सुख समृद्धि के साथ रोगों से लड़ने की शक्ती मिलती है।
मां चंद्रघंटा के माथे पर अर्ध चंद्रमा का चिन्हित होता है। इनकी सवारी शेर है, साथ ही दस हाथों में अस्त्र- शस्त्र दिखाई देते है। अस्त्र शस्त्र के साथ कमल के फूल और कमण्डल भी मां के हाथों में सुशोभित होते है।
पूजा मंत्र
इस मंत्र के साथ आप मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना कर पाएंगे
या देवी सर्वभूतेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहारूढा चन्द्रघण्टा यशस्विनीम्॥
पूजा के दौरान इस रंग के वस्त्र धारण करना होगा शुभ
मां चंद्रघंटा की पूजा करने के लिए भक्त सुनहेरे या फिर पीले रंग के वस्त्रों को धारण कर देवी चंद्रघंटा की उपासना कर सकता है। ऐसा कहा गया है, कि मां को ये रंग अति प्रिय है। यानी पूजा के दौरान आप इसन रंगो के वस्त्र पहन कर पूजा कर सकते है। साथ पूजा में अर्पित करने के लिए मां को सफेद कमल, पीले गुलाब की माला अर्पित करना शुभ माना जाता है। य़दि आप भी ऐसा करते है, तो आपकी मनोकामना पूर्ण होगी
भोग में शामिल कीजिए इन चीजों को
मां के भोग को तैयार करने के लिए आप सभी केसर की खीर या फिर दूध से बनी मिठाई मां के भोग में अर्पित कर सकते है। इनके साथ पंतामृत और चीनी और मिश्री भी मां को अर्पित करने से मां प्रसन्न होगी