Delhi Weather: देश के बड़े हिस्से में एक बार फिर मानसून का असर तेज हो गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 11 से 16 जुलाई तक उत्तर, मध्य और पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। Delhi में येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है, जहां अगले 7 दिन तक बारिश का दौर बना रहेगा। इस बारिश से जहां किसानों के चेहरे खिले हैं, वहीं नदी किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर राज्यों में भी झमाझम बारिश का दौर जारी रहेगा। जानिए कहां-कहां रहेगा इस अलर्ट का असर।
उत्तर भारत: बारिश से जनजीवन प्रभावित, अलर्ट जारी
Delhi-एनसीआर में लगातार बारिश से तापमान में गिरावट आई है। यहां येलो अलर्ट जारी किया गया है और अगले 7 दिन तक रुक-रुक कर बारिश की संभावना जताई गई है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में 11 से 16 जुलाई तक भारी वर्षा की चेतावनी है। इन पहाड़ी राज्यों में भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं का खतरा भी बना हुआ है। पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में भी बारिश से राहत मिलने की संभावना नहीं है। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में 11 और 16 जुलाई को तेज बारिश की भविष्यवाणी की गई है।
मध्य भारत और पूर्वोत्तर में तेज बारिश का सिलसिला
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी मानसून की सक्रियता बनी हुई है। खासकर पूर्वी मध्य प्रदेश में 11 और 12 जुलाई को भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की आशंका है। इन इलाकों में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं। ओडिशा और झारखंड में भी भारी बारिश का अनुमान है। पूर्वोत्तर के राज्यों—अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा—में 11 से 16 जुलाई तक गरज-चमक के साथ भारी बारिश हो सकती है, जिससे जलभराव और भूस्खलन की स्थिति बन सकती है।
पश्चिम भारत: गुजरात-गोवा में अलर्ट, घाट क्षेत्रों पर नजर
मौसम विभाग ने गुजरात, गोवा और महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों के लिए 13 और 14 जुलाई को भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। सौराष्ट्र और कच्छ में भी इस दौरान भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हो सकता है। महाराष्ट्र के मध्य और तटीय इलाकों में भी पानी भरने की समस्या बढ़ सकती है। कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है, जिससे दक्षिण भारत के मौसम में भी नमी बनी रहेगी।
जलस्तर बढ़ा, बाढ़ का खतरा भी मंडराया
बारिश से जहां कृषि क्षेत्र में लाभ की उम्मीद जगी है, वहीं नदियों और जलाशयों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और गोदावरी जैसी नदियों के किनारे बसे इलाकों में प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। कई राज्यों में राहत और बचाव टीमें तैनात कर दी गई हैं। लोगों से अपील की गई है कि वह नदी किनारे जाने से बचें और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें।
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