Indian Coffee Export : भारत की कॉफी ने हाल के सालों में दुनिया भर में अपनी पहचान मजबूत की है। देश का कॉफी उत्पादन और निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। पिछले दो सालों में भारत का कॉफी निर्यात दोगुना होकर 1.29 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। यह दिखाता है कि भारत की कॉफी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पसंद किया जा रहा है।
कॉफी उत्पादक राज्यों की भूमिका
भारत में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु कॉफी के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं। कर्नाटक सबसे आगे है, जिसने 2022-23 में 248,020 टन कॉफी का उत्पादन किया। इसके बाद केरल 73,000 टन और तमिलनाडु 19,000 टन के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। इन राज्यों में छायादार बागानों में कॉफी उगाई जाती है, जो न केवल अच्छी गुणवत्ता की कॉफी देते हैं, बल्कि प्राकृतिक पर्यावरण को भी संरक्षित रखते हैं।
निर्यात में जबरदस्त उछाल
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, भारत का कॉफी निर्यात 2020-21 में 719.42 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 1.29 बिलियन डॉलर हो गया है। इस वृद्धि में रोस्टेड और इंस्टेंट कॉफी का बड़ा योगदान है। भारतीय कॉफी की वैश्विक मांग बढ़ रही है, जिससे निर्यात के आंकड़े लगातार ऊंचाई पर जा रहे हैं।
घरेलू खपत में बढ़ोतरी
घरेलू बाजार में भी कॉफी की खपत तेजी से बढ़ रही है। कैफे संस्कृति का विकास, लोगों की बढ़ती आय और चाय के बजाय कॉफी को प्राथमिकता देने की वजह से कॉफी का शौक बढ़ा है। 2012 में जहां 84,000 टन कॉफी की खपत होती थी, वह 2023 में 91,000 टन तक पहुंच गई। यह दर्शाता है कि कॉफी अब सिर्फ पेय नहीं, बल्कि जीवनशैली का हिस्सा बन चुकी है।
वैश्विक रैंकिंग में भारत की स्थिति
भारत वैश्विक स्तर पर कॉफी उत्पादन में सातवें स्थान पर है। ब्राजील, वियतनाम और कोलंबिया जैसे बड़े उत्पादकों के बाद भारत का नाम आता है। 2023-24 में भारत ने वैश्विक कॉफी उत्पादन में 4% योगदान दिया।
भारतीय कॉफी की बढ़ती पहचान
कॉफी बोर्ड ने किसानों की आय बढ़ाने और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस वजह से भारतीय कॉफी की गुणवत्ता और पहचान दुनिया भर में बढ़ी है।घरेलू खपत में भी भारी वृद्धि हुई है। वैश्विक स्तर पर भारत सातवें स्थान पर है, और भारतीय कॉफी की मांग तेजी से बढ़ रही है।