Punjab Flood Update : बाढ़ पीड़ितों के लिए CM भगवंत मान का ऐलान, 45 दिनों में मिलेगा हर पीड़ित को मुआवजा

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह स्पष्ट किया कि पीड़ितों को शीघ्र मुआवजा देना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, "मैं खुद एक किसान का बेटा हूं, इसलिए किसानों की मुश्किलों को मैं भली-भांति समझता हूं।"

Punjab Flood Update

Punjab Flood Update : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार, 12 सितंबर को स्पष्ट कहा कि राज्य सरकार 45 दिनों के अंदर सभी बाढ़ से प्रभावित लोगों को मुआवजा सुनिश्चित करेगी। चंडीगढ़ में आधिकारिक निवास पर उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने बताया कि किसानों के फसल नुकसानों के लिए राज्य सरकार प्रति एकड़ ₹20,000 मुआवजे की घोषणा कर चुकी है, जो इस तरह का देश में सबसे अधिक राशि है। उन्होंने कहा कि यह पंजाब के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा मुआवजा है।

मान ने यह भी बताया कि पहले की सरकारों में मुआवजा मिलने में कई वर्ष लग जाते थे, और किसानों को फसल बिगड़ने के बाद सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पीड़ितों को जल्दबाजी से मुआवजा देना बेहद जरूरी है। “एक किसान का बेटा होने के नाते मैं किसानों की तकलीफों को अच्छी तरह समझता हूँ, और जब तक हर किसान को उसका मुआवजा नहीं मिल जाता, मैं चैन से नहीं सोऊँगा,” उन्होंने कहा।  वहीं फसलों के नुकसान के आकलन के लिए उन्होंने आदेश दिया कि विशेष गिरदावरी कल (13 सितंबर) से शुरू हो और पूरी प्रक्रिया 45 दिनों के भीतर पूरी हो जाए। उन्होंने यह भी कहा कि तुरंत बाद मुआवजे के चेक किसानों को सौंपे जाने लगेंगे।

घरों के नुकसान पर मिलेगा अलग मुआवजा

पंजाब सरकार ने बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए बड़ा कदम उठाया है। जिन लोगों के घर पूरी तरह से ढह चुके हैं, उन्हें ₹1,20,000 का मुआवजा दिया जाएगा, जबकि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए ₹40,000 की सहायता राशि निर्धारित की गई है। इसी तरह, जिन किसानों ने अपने पशु बाढ़ में खो दिए हैं, उन्हें भी मुआवजा मिलेगा—गाय या भैंस के लिए ₹37,500 और बकरी के लिए ₹4,000 दिए जाएंगे।

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मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि इस संकट की घड़ी में राज्य सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे गांव-गांव जाकर फसलों, पशुधन और घरों के नुकसान का सर्वेक्षण करें और रिपोर्ट तैयार करें। रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद लोगों को एक सप्ताह का समय दिया जाएगा, ताकि वे उसमें किसी भी गलती को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकें और आवश्यक सुधार हो सके।

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