Petrol-Diesel Price: भारत के लिए राहत की खबर है। कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को खत्म करने के प्रयासों के चलते ब्रेट क्रूड 105 डॉलर प्रति बैरल के नीचे जा लुढ़का है। जाहिर है भारत के लिए राहत की खबर है जो अपने 80 फीसदी कच्चे तेल के खपत के लिए आयात पर निर्भर है।
आपको बता दे रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत और सीजफायर की उम्मीदों के चलते कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई है। साथ ही इस बात को लेकर भी भरोसा बढ़ा है कि रूस के तेल का कोई विकल्प नहीं है। रूस यूक्रेन के बीच युद्ध जारी रहा तो भी यूरोप रूस से कच्चा तेल खऱीदना बंद नहीं कर सकता। युद्ध जारी भी रहा तो भी रूस से सप्लाई बाधित नहीं होगी इसलिए भी कच्चे तेल के दामों में नरमी आई है। आपको बता दें यूरोप अपने 40 फीसदी कच्चे तेल और गैस के लिए रूस पर निर्भर है।
रूस ने भारत को सस्ते दामों पर कच्चा तेल बेचने का ऑफर दिया है। रूस ने मौजूदा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों के मुकाबले 35 डॉलर प्रति बैरल के डिस्काउंट पर कच्चा तेल बेचने का ऑफर भारत को दिया है। रूस के इस ऑफर पर मोदी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। जाहिर है इसका बड़ा फायदा भारत के उपभोक्ताओं को मिलेगा जो हर रोज पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों में परेशान है।
रूस यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल के दाम 140 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंचा था। अमेरिका के रूस से आयात पर रोक लगाने और यूरोप के भी रूस से तेल खरीदने के रोक लगाने की खबरों के चलते कच्चे तेल के दामों में ये बड़ी उछाल आई थी और 14 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।