बेसिक स्कूलों में पढ़ रहें बच्चों की गुड़वत्ता जांच के दौरान 90 हजार छात्रों ने अपनी परीक्षा छोड़ी। वहीं 5.11 लाख बच्चे इसमे शामिल हुए। सरकार द्वारा शिक्षा गुणों का पता लगाने के लिए गुरुवार को नेट निपुण एसेसमेंट टेस्ट आयोजित किया गया। इसमें पहली बार गुड़वत्ता जांच के दौरान सरकारी स्कूलों के बच्चों ने ओएमआर शीट पर उत्तर अंकित किए।
बच्चों ने ओएमआर शीट पर उत्तर अंकित किए
आजकल हमारे बेसिक शिक्षा विभाग में यह प्रश्न खड़ा रहता है की बेसिक शिक्षा में गुणवत्ता सुधार कैसे हो। जिसको लेकर शासन-प्रशासन अधिकारी समाज सभी चिंता में है। अब सवाल ये खड़े है की किस तरह से गुणवत्ता में सुधार हो? क्या इसमे दोषी विद्यालय हैं? अध्यापक हैं, समाज है या नीतियाँ है? इस तरह के सवाल हमेशा रहते है। जिसे ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने बेसिक स्कूलों में शैक्षिक गुणवक्ता पर जांच के आदेश दिये। जिसके चलते पहली बार सरकारी स्कूलों के बच्चों ने ओएमआर शीट पर उत्तर अंकित किए। दो पालियों में हुई परीक्षा को नकलविहीन कराने के लिए 137 तहसील वी ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की टीम नजर बनाए रहीं।
योगी सरकार का परीक्षा के पुराने पैमाने में बदलाव
आपको बता दें, योगी सरकार बेसिक स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ अब बेहतर वह सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण सृजन के लिए परीक्षा के पुराने पैमाने में बदलाव किए हैं। अब स्कूलों में हर तीन महीने पर निपुण एसेसमेंट टेस्ट लागू किया है। गुरुवार को 2803 स्कूलों में कक्षा एक से तीन व चार आठ कक्षाओं के छात्रों को अलग-अलग तरह से टेस्ट कराया गया। इसमें पंजीकृत रहे छह लाख 1000 बच्चों में पांच लाख 11 हजार बच्चे शामिल हुए। इन बच्चों को ओएमआर शीट पर प्रश्नों के उत्तर कराएं गए। दो चरणों में आयोजीत परीक्षा को शुचितापूर्ण तरीके से निपटाने के लिए एसडीएम अपने तहसील बीडीयो समेत 137 अधिकारियों की टीम न्याय पंचायत स्तर पर केंद्रीय व्यवस्थापक के रूप में स्कूलों में भ्रमणशील रही। पहली पाली नौ से 11व दूसरी पाली 12:30 से दोपहर 2:00 तक संचालित रही।
अब हर तीन माह में होंगी परीक्षा
यह परीक्षा अब हर तीन महीने में आयोजित का जायेगी। कक्षा एक से आठ तक के बच्चों की शैक्षिक विकास को बेहतर करने के लिए सरकार द्वारा यह नियम लागू किया जा रहा है। डीसी प्रशिक्षण श्रवण कुमार ने बताया की साल में चार एसेसमेंट टेस्ट आयोजित किए जाएंगे।