सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तीखा हमला करते हुए अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमानी से कहा कि वह सरकार को सलाह दें कि कॉलेजियम व्यवस्था पर न बोले। साथ ही सरकार कॉलेजियम के कानूनी सिद्धांतों के तहत काम करे और उसकी की सार्वजनिक आलोचना करने से बचें। सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से आगे कहा कि केंद्रीय मंत्रियों ने कॉलेजियम के खिलाफ जो बयान दिए हैं उससे अच्छा संदेश नहीं गया।
‘SC द्वारा तय सिद्धांतों के तहत काम करे सरकार’
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने जजों के नामों की सिफारिश पर केंद्र सरकार के फैसला लेने में देरी को लेकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि सरकार को जजों की नियुक्ति को लेकर कॉलेजियम सिस्टम का पालन करना चाहिए। इसके कानून के खिलाफ जाना ठीक नहीं। कोर्ट ने एजी से कहा कि वह सरकार को सलाह दें कि वह कानूनी उन सिद्धांतों के तहत ही काम करे, जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किया गया है।
उन्होंने कहा कि एक वर्ग कॉलेजियम की व्यवस्था को यदि सही नहीं मानता है तो इसकी सार्वजनिक आलोचन न करे, क्योंकि ऐसा करने से कानून नहीं बदल जाता। कोर्ट ने कहा कि संवैधानिक बेंच के आदेश से कॉलेजिमय की व्यवस्था आई थी, इसका पालन होना चाहिए।
‘हर कोई फैसला लेगा… कानून व्यवस्था खत्म हो जाएगी’
बेंच ने आगे कहा कि समाज में ऐसे वर्ग भी हैं, जो संसद के ही बनाए गए कानूनों से सहमत नहीं होते हैं। तो क्या ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को इन कानूनों पर रोक लगा देनी चाहिए। बेंच के उन्होंने कहा कि यदि देश में हर कोई कानूनों को लेकर फैसले लेने लगा कि किस कानून को मानना चाहिए और किसे नहीं तब तो कानून व्यवस्था ही खत्म हो जाएगी।
गौरतलब है कि बीचे दिनों जजों की नियुक्ति को लेकर कॉलेजियम की व्यवस्था पर कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक टिप्पणी की थी। दरअसल उन्होंने कहा था कि कॉलेजियम की व्यवस्था को लेकर संविधान में कोई उल्लेख नहीं है।