Maharashtra: पात्रा चॉल घोटाले में आरोपी शिवसेना सांसद संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में रात 12 बजे गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, इस छापेमारी के दौरान ED ने 11.50 लाख रुपये की नकदी भी जब्त की है और इस पैसे को लेकर भी एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस छापेमारी के दौरान मिले 11.50 रुपयों में से 10 लाख रुपये का एक अलग कवर था जिस पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे का नाम लिखा था। जिसके चलते अब जाँच का रुख नई ओर भी मुड़ सकता है। वहीं, राउत का कहना है कि यह पैसा अयोध्या दौरे के लिए रखा गया था, लेकिन अब इसे ED ने जब्त कर लिया है.
वहीं, एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि संजय राउत बहुत होशियार हैं और हो सकता है कि उन्होंने जानबूझकर एकनाथ शिंदे के नाम पर 10 लाख रुपये रखे हों। केसरकर ने कहा, ‘हो सकता है संजय राउत एकनाथ शिंदे के खिलाफ कुछ करना चाहते हों। इसके लिए वह अयोध्या जाना चाहते हों। संजय राउत ने उसके लिए यह पैसा रिजर्व में रखा होगा। इस पैसे का स्रोत दिखाना होगा। केसरकर ने कहा कि वह इसे दिखाएं, राउत को इसकी जानकारी होगी।’ दीपक केसरकर ने यह भी आशंका जताई कि संजय राउत ने यह पैसा जानबूझकर रखा होगा। इस पैसे पर अगर संजय राउत ने जानबूझ कर एकनाथ शिंदे का नाम लिखा होगा तो यह किसी को पता नहीं चलेगा क्योंकि वह बहुत होशियार और बुद्धिमान हैं। वे कुछ भी कर सकते हैं।
दीपक केसरकर ने स्पष्ट किया कि एकनाथ शिंदे का इस पैसे से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोग जब गुवाहाटी में थे, तब भी यह आरोप लगाए गए थे कि विधायकों को पैसे दिए गए है। हमने तब भी कहा था कि हमारे होटल के कमरों और घरों की तलाशी ले ली जाए।
इस बीच औरंगाबाद में एक मीटिंग में बोलते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि संजय राउत के घर मिले पैसों पर मेरा नाम है तो उनसे ही पूछ लीजिए। उन्होंने कहा कि, ‘मैं गैरजरूरी बातों में नहीं पड़ता हूं’। सूत्रों के मुताबिक संजय राउत ने ED को बताया है कि 11.50 लाख रुपये की रकम में से 10 लाख पार्टी फंड के हैं। हालांकि इन पर एकनाथ शिंदे का नाम क्यों लिखा था। इस पर चर्चाएं तेज हैं।
केंद्र सरकार पर बोला हमला
1,000 करोड़ के पात्रा चाल जमीन घोटाले के मामले में संजय राउत को आरोपी बनाया गया है। वहीं, संजय राउत ने अपने घर पर हुई छापेमारी और पैसे की जब्ती को केंद्र सरकार की दबाव की नीति से जोड़ा है। उन्होंने यह तक कहा है कि उन पर आक्रामक होकर बीजेपी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पर दबाने का प्रयास कर रही है। राउत का कहना है कि उनके खिलाफ झूठे मुकदमे, झूठे कागज, झूठे कागजात, झूठी कार्रवाई है। यह सब महाराष्ट्र और शिवसेना को कमजोर करने की साजिश है।
वहीं, संजय राउत ने अपने बचाव में कहा की, ‘मैं किसी घोटाले में शामिल नहीं हूं। ED ने गलत सूचना के आधार पर कार्रवाई की है। दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की सौगंध खाता हूं कि मेरा किसी घोटाले से कोई संबंध नहीं है। मैं मर जाऊंगा, लेकिन न सरेंडर करूंगा, न ही शिवसेना छोडूंगा। झुकूंगा नहीं।
संजय राउत के शिवसेना नहीं छोड़ूंगा बयान पर एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘उन्हें बुलाया किसने है? हम तो नहीं बुला रहे न बीजेपी। मैं साफ कह देता हूं अगर कोई ED के डर से हमारे साथ जुड़ने की बात कह रहा है तो मेरी बिनती है मत आओ हमारे साथ। हम ED या दबाव डाल किसी को नहीं बुला रहे। हमारे साथ जो लोग जुड़े उनपर कोई दबाव नहीं।’
वहीं, एकनाथ शिंदे ने संजय राउत पर पलटवार करते हुए कहा था कि, ‘अगर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है तो डर क्यों रहे हैं? वह एक बड़े MVA नेता थे’। एकनाथ शिंदे ने कहा कि, ‘ED ने पहले भी जांच की थी। अगर ED केंद्र सरकार के डर से काम करता है तो सुप्रीम कोर्ट को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। ED अपना काम कर रहा है’।