CAS Hearing on Vinesh Phogat Plea: क्या आज होगा विनेश फोगट की किस्मत का फैसला? कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में आज इस बात पर अहम फैसला लिया जाएगा कि Vinesh Phogat को सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं। अयोग्य घोषित किए जाने के बाद विनेश फोगट ने सिल्वर मेडल की मांग करते हुए याचिका दायर की है। CAS ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली है और आज दोपहर 1 से 2 बजे के बीच उनकी याचिका पर सुनवाई होगी।
हरीश साल्वे लड़ेंगे Vinesh Phogat का केस
वहीं, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने उनका केस लड़ने के लिए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को नियुक्त किया है। हरीश साल्वे भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हैं। वैसे तो विनेश फोगट की ओर से 4 वकील चार्ल्स एमसन, हेबिन एस्टेले किम, एस्टेले इवानोवा, जोएल मोनलुइस भी केस लड़ेंगे, लेकिन केस की अगुआई हरीश साल्वे करेंगे। आपको बता दें कि नियमों के मुताबिक ओलंपिक खेलों के बीच 10 दिनों के भीतर कोई विवाद होने पर केस की सुनवाई CAS में होती है।
100 ग्राम अधिक वजन की वजह से अयोग्य घोषित
आपको बता दें कि Vinesh Phogat को पेरिस ओलंपिक 2024 में महिलाओं की 50 किलोग्राम कुश्ती स्पर्धा में फाइनल मुकाबला खेलना था। उन्होंने क्यूबा की युसनेलिस गुजमान लोपेज को हराकर फाइनल में जगह बनाई, लेकिन फाइनल मुकाबले से ठीक पहले विनेश को अयोग्य घोषित कर दिया गया, क्योंकि उनका वजन 50 किलोग्राम से 100 ग्राम अधिक था। ऐसा होने के बाद विनेश पूरी तरह टूट गई।
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वह बेहोश भी हो गई, क्योंकि उसने वजन कम करने के लिए बहुत मेहनत की थी। विनेश पूरी रात दौड़ती रही। खाना भी नहीं खाया, बाल कटवाए, कपड़े भी छोटे करवाए। इतनी मेहनत के बाद भी उसे अयोग्य घोषित कर दिया गया। उसकी बात तक नहीं सुनी गई। नियमों का पालन करते हुए यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने विनेश को अधिक वजन पाकर मुकाबला लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया और देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने का मौका छीन लिया। इससे निराश होकर विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास ले लिया।
पहली अपील खारिज हो गई थी
बता दें कि विनेश फोगाट ने पहले स्वर्ण पदक के लिए खेलने का मौका मांगते हुए सीएएस में याचिका दायर की थी, जो 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित किए जाने के खिलाफ थी, लेकिन उस याचिका को खारिज कर दिया गया था। इसके बाद विनेश ने रजत पदक की मांग करते हुए याचिका दायर की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया। विनेश ने याचिका में तर्क दिया है कि उसने 6 अगस्त को अपने पहले 3 मैच जीते थे।
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मंगलवार सुबह उसका वजन 49.9 किलोग्राम था, लेकिन जैसे-जैसे उसके कठिन मैच आगे बढ़े, उसके लिए भूखे या बिना पानी के रहना असंभव हो गया। इसलिए खाने-पीने के बाद उसका वजन 2.7 किलोग्राम बढ़ गया। उसने रात भर मेहनत करके वजन कम करने की कोशिश की। प्रतियोगिता के दिन उसका वजन 50 किलोग्राम से 100 ग्राम अधिक था, इसलिए उसे अयोग्य घोषित कर दिया गया, लेकिन वह रजत पदक की हकदार है और उसे मिलना चाहिए।










