UP News: उत्तर प्रदेश में डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) की नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ा बदलाव हुआ है। अब तक संघ लोक सेवा आयोग को नामों का पैनल भेजा जाता था, लेकिन अब यह व्यवस्था बदल दी गई है। अब यूपी (UP News) सरकार खुद यह तय करेगी कि डीजीपी कौन बनेगा।
जानें अब कैसे होगा डीजीपी का चयन
यूपी में डीजीपी के चयन के लिए ‘UP पुलिस बल प्रमुख के चयन और नियमावली 2024’ को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। अब डीजीपी का चयन एक उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायधीश की अध्यक्षता में गठित एक समिति करेगी। चुने जाने के बाद डीजीपी को दो साल का कार्यकाल मिलेगा और इसके लिए चयन के वक्त उम्मीदवार के पास कम से कम छह महीने की सेवा बची होनी चाहिए।
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हालांकि यह भी प्रावधान है कि अगर डीजीपी पर कोई आपराधिक या भ्रष्टाचार का आरोप लगता है या वे अपने कर्तव्यों में असफल होते हैं तो राज्य सरकार उन्हें दो साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले भी हटा सकती है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा जो डीजीपी को हटाने के संबंध में हैं।
अखिलेश का योगी सरकार पर हमला
इस बदलाव के बीच, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया के जरिए योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने बिना नाम लिए कहा, “सुना है कि किसी बड़े अधिकारी को स्थायी पद देने और उनका कार्यकाल दो साल बढ़ाने की व्यवस्था बनाई जा रही है… सवाल यह है कि क्या वह खुद दो साल तक रहेंगे या नहीं? क्या यह दिल्ली के बजाय लखनऊ के हाथ में नियंत्रण लाने की कोशिश है? दिल्ली बनाम लखनऊ 2.0 की स्थिति तो नहीं बन रही?” इस बदलाव को लेकर सियासी हलकों में काफी चर्चा हो रही है।
सुना है किसी बड़े अधिकारी को स्थायी पद देने और और उसका कार्यकाल 2 साल बढ़ाने की व्यवस्था बनायी जा रही है… सवाल ये है कि व्यवस्था बनानेवाले ख़ुद 2 साल रहेंगे या नहीं।
कहीं ये दिल्ली के हाथ से लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं है।
दिल्ली बनाम लखनऊ 2.0
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 5, 2024