लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होना है। मतदान 20 नवंबर को है। करीब एक माह तक चला चुनाव प्रचार सोमवार की शाम थम गया। अधिकारी चुनाव संपन्न कराने में जुट गए। पर समाजवादी पार्टी की तरफ से एक पत्र इलेक्शन कमीशन को लिखा गया। जिसमें मांग की गई है कि वोटिंग के दौरान मुस्लिम महिलाओं की बुर्का हटाकर चेकिंग न की जाए। सपा ने इलेक्शन कमीशन को लिखे अपने पत्र में कहा, महिलाएं अगर बुर्का पहनकर वोटिंग करें तो पुलिस हस्तछेप न करे। मुस्लिम महिलाएं बुर्का हटाने को लेकर भयभीत हैं। ऐसे में वह मतदान नहीं कर पाती हैं।
बुर्का हटाकर चेकिंग नहीं की जाए
उत्तर प्रदेश में उपचुनाव का शोर थम गया है। अब कैंडीडेट बिना लाव-लश्कर के लोगों से मिल रहे हैं। कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया जा रहा है। बूथों पर एजेंटों की नियुक्ति का कार्य भी जारी है, तो वहीं चुनाव से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी भी वोटिंग कराने को लेकर कमर कस चुके हैं। पुलिस-अर्धसैनिकबलों की टुकड़ियों को पोलिंग बूथों पर रवाना किया जा रहा है। इनसब के बीच समाजवादी पार्टी की तरफ से इलेक्शन कमीशन को एक पत्र लिखा गया है। पत्र के जरिए सपा ने मांग की कि मतदान के वक्त मुस्लिम महिलाओं का बुर्का हटाकर चेकिंग नहीं की जाए। सपा ने इसके पीछे कई तर्क भी दिए हैं, जिस पर अब सियासत भी शुरू हो गई है।
सपा ने आयोग से की ये मांग
समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में मांग की है कि रिटर्निंग ऑफिसर, जिला मजिस्ट्रेट, जनरल ऑब्जर्वर और पुलिस अधिकारियों को लिखित आदेश जारी किया जाए कि 20 नवंबर 2024 को कोई भी पुलिसकर्मी किसी भी मतदाता की मतदाता पहचान-पत्र की जांच नहीं करेगा। पत्र में आगे कहा गया है कि मतदाता पहचान-पत्र की जांच करने का अधिकार मतदान अधिकारी के पास है। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान मतदान केंद्रों पर तैनात पुलिस अधिकारियों ने अपनी शक्ति और पद का दुरुपयोग किया और सपा समर्थकों, खासकर मुस्लिम महिला मतदाताओं को डराकर उनके बुर्के उतरवा दिए।
सपा ने दिया ये तर्क
सपा ने पत्र के जरिए चुनाव आयोग को बताया कि, इसके बाद महिला मतदाताओं को मतदान केंद्रों से बिना मतदान किए लौटना पड़ा और इससे मतदान प्रभावित हुआ और मतदेय स्थलों पर मतदान प्रतशित में गिरावट आई।समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग से मांग की है कि वोटिंग के दौरान पुलिस के पास वोटर का पहचान पत्र जांच करने का अधिकार न हो. क्योंकि मुस्लिम वोटर पुलिस के नकाब हटाने को लेकर भयभीत हैं। सपा की इस मांग से सियासी घमासान मच सकता है। क्योंकि बीजेपी कई मौकों पर बुर्काधारी महिला वोटर्स की जांच की मांग करती आई है।
बीजेपी ने की थी बुर्का हटाने की मांग
दिल्ली की 7 सीटों पर इस बार हुए लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की दिल्ली यूनिट ने भी ऐसी ही मांग की थी। दिल्ली में लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली बीजेपी का एक प्रतिनिधमंडल, जिसमें विधायक अजय महावर, मोहन सिंह विष्ट, प्रदेशमंत्री किशन शर्मा, वकील नीरज गुप्ता ने दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा था। इसमें मांग की गई थी कि मतदान वाले दिन दिल्ली में जो भी बुर्का पहनकर या मुंह पर मास्क लगाकर मतदान करने आए, उसकी पूरी जांच के बाद ही वोट डालने दिया जाए। महिला अधिकारी या महिला पुलिस उनका चेहरा चौक करे।
सपा-बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर
बता दें, विभिन्न कारणों से रिक्त हुईं विधानसभा की नौ सीटों के उपचुनाव के लिए लिए 18 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की गई थी। अधिसूचना भले ही एक माह पहले जारी हुई थी लेकिन इन सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी दल कई माह पहले से ही सक्रिय हो गए थे। उपचुनाव में बीजेपी और सपा की प्रतिष्ठा दांव पर होगी। लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस के गठबंधन से एनडीए को बड़ा झटका लगा था। ऐसे में उपचुनाव की कमान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभाली। मंत्रियों को अलग-अलग सीटों की जिम्मेदारी जुलाई में ही सौंप दी थी। बीजेपी ने जहां खुद आठ सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं, वहीं मीरापुर सीट पर एनडीए के सहयोगी रालोद का उम्मीदवार मैदान में है।