Shambhu Border : शंभू बॉर्डर पर दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों और पुलिस के बीच एक बार फिर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। हरियाणा पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का उपयोग किया। इसके चलते किसानों ने अपने जत्थे को वापस बुला लिया।
बजरंग पुनिया ने किया किसानों का समर्थन
शंभू बॉर्डर पर पहुंचे कांग्रेस नेता और पूर्व पहलवान बजरंग पुनिया ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार एक तरफ कहती है कि वह किसानों को नहीं रोक रही, लेकिन दूसरी तरफ आंसू गैस और अन्य उपायों का सहारा ले रही है। पुनिया ने सवाल उठाया, “जब नेता विरोध करने के लिए दिल्ली जाते हैं, तो क्या वे अनुमति लेते हैं? किसान सिर्फ एमएसपी के लिए अपनी मांग रख रहे हैं और यह उनका हक है।”
दिल्ली कूच पर अड़ी किसानों की मांग
दिल्ली कूच की कोशिश के दौरान किसानों ने पुलिस से अपनी बात रखते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में जाकर विरोध करना उनका अधिकार है और उनकी आवाज दबाई नहीं जानी चाहिए। वहीं, अंबाला के एसपी ने स्पष्ट किया कि दिल्ली जाने के लिए किसानों को उचित अनुमति लेनी होगी।
एसपी ने किसानों से कहा, “सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है। हम आपसे अपील करते हैं कि आप यहां शांति बनाए रखें और नियमों का पालन करें।”
इंटरनेट सेवा पर रोक
किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अंबाला के डंगदेहरी, लोहगढ़, मानकपुर, डडियाना, बड़ी घेल, छोटी घेल, लहारसा, कालू माजरा, देवी नगर, सद्दोपुर, सुल्तानपुर, और काकरू जैसे गांवों में इंटरनेट सेवाएं 17 दिसंबर तक अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं। हालांकि, फोन कॉल की सुविधा चालू रहेगी।
पिछली घटनाओं का असर
रविवार को भी किसानों का शंभू बॉर्डर से दिल्ली तक पैदल मार्च सुरक्षाकर्मियों द्वारा रोका गया था। आंसू गैस के इस्तेमाल के कारण कुछ प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे। इसके अलावा, किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की बिगड़ती सेहत के चलते प्रदर्शन स्थगित करना पड़ा था। दल्लेवाल 26 नवंबर से आमरण अनशन पर हैं।
राकेश टिकैत ने दी चेतावनी
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को पंजाब के किसान नेताओं से मुलाकात कर एकजुटता की अपील की। टिकैत ने कहा, “डल्लेवाल हमारे बड़े नेता हैं और उनकी सेहत को लेकर पूरा देश चिंतित है। सरकार को तुरंत बातचीत करनी चाहिए।”
टिकैत ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इस बार किसानों का आंदोलन दिल्ली की सीमाओं पर नहीं होगा, बल्कि केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे) से राष्ट्रीय राजधानी को घेरा जाएगा। टिकैत ने कहा कि इसके लिए चार लाख ट्रैक्टरों की आवश्यकता होगी और सरकार को किसानों की ताकत का अंदाजा हो जाएगा।