Maha Kumbh 2025 : प्रयागराज महाकुंभ 2025 में मॉडल और एंकर हर्षा रिछारिया अपनी आकर्षक उपस्थिति को लेकर चर्चा में हैं, लेकिन अब उनके बारे में एक विवाद भी उठ खड़ा हुआ है। यह विवाद निरंजनी अखाड़े की पेशवाई में उन्हें रथ पर बैठाने को लेकर शुरू हुआ है, जिसके बाद संतों ने इस पर नाराजगी जताई है। शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा है कि यह ठीक नहीं है और इसके नतीजे भुगतने होंगे।
4 जनवरी को निरंजनी अखाड़े की पेशवाई में हर्षा रिछारिया संतों के साथ रथ पर बैठी हुई थीं। इस पर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि, “यह समाज में गलत संदेश फैला सकता है। धर्म को शोकेसिंग का हिस्सा बनाना खतरनाक हो सकता है। साधु-संतों को इससे बचना चाहिए, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।”
महाकुंभ की सबसे सुंदर साधवी
हर्षा रिछारिया बालों में जटा, माथे पर चंदन का तिलक और गले में स्फीटिक माला पहने हुए रथ पर बैठी हुई थीं। अमृत स्नान के दौरान उन्होंने संगम में डुबकी भी लगाई थी, जिसके बाद उनकी सुंदरता की खूब चर्चा होने लगी और उन्हें महाकुंभ की “सबसे सुंदर साध्वी” के तौर पर पहचाना जाने लगा। हालांकि, हर्षा ने साध्वी के रूप में उनके पुकारे जाने पर आपत्ति जताई और कहा कि उन्होंने लगभग पौने दो साल पहले गुरु से दीक्षा जरूर ली थी, लेकिन संन्यास लेने पर फिलहाल उनका अंतिम फैसला नहीं है।
हर्षा रिछारिया ने बताया कि वह लंबे समय से उत्तराखंड में रहकर साधना कर रही हैं और निरंजनी अखाड़े की शिष्या हैं। उनके गुरु स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के झांसी में हुआ था, बाद में वह भोपाल शिफ्ट हो गईं। हर्षा ने बताया कि मुंबई और दिल्ली में काम करने के बाद उनका रुझान अध्यात्म की ओर हुआ।
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वहीं, हर्षा रिछारिया ट्रोलर्स के निशाने पर भी हैं। कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने सिर्फ महाकुंभ के लिए इस रूप में बदलाव किया है। कुछ ने उनके पुराने फोटोज शेयर करके उन्हें ट्रोल किया है। इस पर हर्षा ने जवाब दिया, “भक्ति और ग्लैमर में कोई विरोधाभास नहीं है। मैंने अपनी पुरानी तस्वीरों को डिलीट नहीं किया क्योंकि यह मेरी यात्रा का हिस्सा है। मैं युवाओं को यह संदेश देना चाहती हूं कि आप किसी भी रास्ते से भगवान की ओर बढ़ सकते हैं।”